श्रीनगर - पहलगाम आतंकी हमले को लेकर एक बड़ा खुलासा सामने आया है। सेना के सूत्रों के अनुसार, इस हमले के पीछे लश्कर-ए-तैयबा का टॉप कमांडर सैफुल्लाह खालिद है, जो इस हमले का मास्टरमाइंड बताया जा रहा है। जानकारी के मुताबिक, सैफुल्लाह पिछले दो महीनों से इस हमले की साजिश रच रहा था और इसी सिलसिले में उसने दो बार पाकिस्तानी सेना के कैंप का दौरा भी किया।
मंगलवार को हुए इस हमले की जिम्मेदारी 'द रजिस्टेंस फ्रंट' (TRF) ने ली थी। यह भी स्पष्ट किया गया है कि TRF वास्तव में लश्कर-ए-तैयबा का ही एक छद्म संगठन है, जिसे 2019 में बनाया गया था।
सैफुल्लाह ने ही रची थी खूनी साजिश
खैबर पख्तूनख्वा में हुई एक सभा के दौरान सैफुल्लाह ने भड़काऊ बयान देते हुए कहा था, "आज 2 फरवरी है और मैं वादा करता हूं कि 2 फरवरी 2026 तक हम कश्मीर पर कब्जा करने की पूरी कोशिश करेंगे।" उसने यह भी कहा कि आने वाले समय में उनके मुजाहिदीन कश्मीर में अपने हमलों को और तेज करेंगे। सैफुल्लाह को भरोसा है कि 2026 तक कश्मीर "आज़ाद" हो जाएगा।
गौरतलब है कि यह सभा पाकिस्तान की सेना और खुफिया एजेंसी आईएसआई द्वारा आयोजित की गई थी, जहां बड़ी संख्या में हथियारों से लैस आतंकवादी खुलेआम मौजूद थे।
आखिर ये सैफुल्लाह कौन है
सैफुल्लाह खालिद, जिसे सैफुल्लाह कसूरी के नाम से भी जाना जाता है, लश्कर-ए-तैयबा के सरगना हाफिज सईद का करीबी सहयोगी है और संगठन में डिप्टी चीफ की भूमिका निभा रहा है। वह लश्कर के दो मुखौटा संगठनों—TRF (द रजिस्टेंस फ्रंट) और PAFF (पीपुल्स एंटी फासिस्ट फ्रंट)—का संस्थापक भी है। भारत के खिलाफ कई आतंकी गतिविधियों में उसका नाम सामने आ चुका है।
सैफुल्लाह न केवल हाफिज सईद का भरोसेमंद है, बल्कि पाकिस्तानी सेना का भी चहेता माना जाता है। वह अक्सर सेना के लिए उकसाने वाले भाषण देता है। करीब दो महीने पहले उसने पाकिस्तानी पंजाब के कंगनपुर इलाके में सेना की एक बटालियन को संबोधित करते हुए उग्र भाषण दिया था, जिसके बाद पाकिस्तानी सेना के अधिकारियों ने उस पर फूलों की वर्षा की थी।