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मतदाता सूची से नाम गायब होने पर पानीहाटी का बनिक परिवार चिंतित

पार्षद ने चुनाव आयोग को ठहराया जिम्मेदार, तत्काल समाधान की मांग

निधि, सन्मार्ग संवाददाता

पानीहाटी : पानीहाटी नगर पालिका के वार्ड नंबर 33 में रहने वाला बनिक परिवार इन दिनों घोर चिंता और अनिश्चितता के माहौल में है। इस परिवार के पांच सदस्यों का नाम, जिनके पास वर्ष 2002 से वैध वोटर कार्ड मौजूद हैं, SIR (सप्लीमेंटल इंटीग्रेटेड रोल) की 2025 की अद्यतन मतदाता सूची से गायब पाया गया है। इस गंभीर प्रशासनिक चूक ने न केवल परिवार को हैरान कर दिया है, बल्कि आगामी चुनावों में उनके मताधिकार के प्रयोग पर भी प्रश्नचिह्न लगा दिया है।

परिवार के मुखिया तपन कुमार बनिक और उनके सदस्यों ने अपनी परेशानी बताते हुए कहा कि उनके पास दो दशक पुराना, यानी 2002 का, आधिकारिक मतदाता पहचान पत्र है। इसके बावजूद, उन्हें SIR फॉर्म प्राप्त नहीं हुआ है, जो मतदाता सूची के नवीनतम संस्करण में नाम शामिल करने या सत्यापन के लिए अनिवार्य होता है। फॉर्म प्राप्त न होने के कारण उनके नाम स्वतः ही नई सूची से बाहर हो गए हैं।

परिवार के एक सदस्य ने अपनी गहरी निराशा व्यक्त करते हुए सवाल उठाया, "जब हम कई वर्षों से पंजीकृत मतदाता हैं, तो हमें SIR फॉर्म से वंचित क्यों रखा गया? यह हमारी पहचान और अधिकार का मामला है।" परिवार के सदस्यों में इस बात को लेकर गहरा डर और अनिश्चितता है कि यदि इस समस्या का समाधान जल्द नहीं हुआ, तो वे आगामी महत्वपूर्ण चुनावों में अपने संवैधानिक अधिकार (मतदान) का प्रयोग नहीं कर पाएंगे।

स्थानीय पार्षद ने चुनाव आयोग को ठहराया जिम्मेदार

इस गंभीर मामले पर स्थानीय पार्षद प्रदीप बड़ुआ ने तीखी प्रतिक्रिया व्यक्त की है और सीधे तौर पर चुनाव आयोग (Election Commission) को इसके लिए जिम्मेदार ठहराया है। पार्षद ने स्पष्ट रूप से कहा कि यह पूरी तरह से प्रशासनिक विफलता और चूक का मामला है जिसके कारण वैध मतदाताओं को इस बड़ी परेशानी का सामना करना पड़ रहा है। उन्होंने इस बात पर जोर दिया कि मतदाताओं को बिना किसी गलती के उनके मौलिक अधिकार से वंचित किया जा रहा है।

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