निधि, सन्मार्ग संवाददाता
नदिया : नदिया जिले में पुलिस ने एक बड़ी कार्रवाई करते हुए बांग्लादेश के एक 'मुक्तमना' (Free-Thinker) ब्लॉगर मुफ्ती अब्दुल्ला अल मसूद को गिरफ्तार किया है। मसूद पर आरोप है कि उसका वीज़ा साल 2020 में समाप्त हो चुका था, जिसके बावजूद वह पिछले लगभग पाँच वर्षों से अवैध रूप से भारत में रह रहा था और विभिन्न स्थानों पर छिपकर घूम रहा था।
मौलवियों के निशाने पर था ब्लॉगर:
मिली जानकारी के अनुसार, मुफ्ती अब्दुल्ला अल मसूद बांग्लादेश में अपने यूट्यूब चैनल पर बेहद संवेदनशील धार्मिक विषयों पर वीडियो पोस्ट करता था। उसके वीडियो अक्सर ईश्वर के अस्तित्व और नास्तिकता जैसे विषयों पर आधारित होते थे, जिसके कारण वह बांग्लादेश के कट्टरपंथी और मौलवियों के निशाने पर आ गया था। उसे अपनी जान का खतरा महसूस होने लगा था।
इसी खतरे से बचने के लिए, मसूद साल 2018 में वैध वीज़ा लेकर कानूनी तरीके से भारत आ गया था। हालांकि, जब उसका वीज़ा साल 2020 में समाप्त हो गया, तो उसने सुरक्षा कारणों से बांग्लादेश वापस न जाने का फैसला किया और भारत में ही छिपकर रहने लगा।
शिक्षक के घर में रह रहा था किराए पर:
गिरफ्तारी से पहले, मसूद नदिया के चाकदह इलाके के एक प्राथमिक स्कूल के हेडमास्टर के गयेशपुर स्थित घर में किराए पर रह रहा था। पुलिस को खुफिया सूत्रों से उसके अवैध रूप से भारत में रहने की सटीक सूचना मिली। सूचना मिलते ही पुलिस सक्रिय हुई और मसूद को हिरासत में लेकर कल्याणी थाने की गयेशपुर फांड़ी ले जाया गया।
खुफिया एजेंसियों ने की पूछताछ:
मामले की संवेदनशीलता को देखते हुए, मसूद से केवल स्थानीय पुलिस ने ही नहीं, बल्कि राज्य पुलिस की स्पेशल टीम, सीआईडी (CID), और केंद्रीय खुफिया एजेंसियों के अधिकारियों ने भी दफ़ों में लंबी पूछताछ की। पूछताछ के दौरान, उसे भारत में रहने संबंधी वैध अनुमति पत्र प्रस्तुत करने के लिए 24 घंटे का समय दिया गया था। वैध दस्तावेज पेश न कर पाने के कारण, पुलिस ने सोमवार को उसे गिरफ्तार कर लिया।
पुलिस अब उस हेडमास्टर से भी पूछताछ कर रही है, जिसके घर वह किराए पर रह रहा था। पुलिस को यह भी पता चला है कि मसूद के किराए के घर पर बांग्लादेश के कई लोग मिलने आते थे, जिनकी पहचान और गतिविधियों की जानकारी जुटाने के लिए पुलिस अब प्रयास कर रही है। इस गिरफ्तारी से पूरे इलाके में सनसनी फैल गई है।