सन्मार्ग संवाददाता
श्री विजयपुरम : अंडमान और निकोबार द्वीप समूह एकीकृत विकास निगम (एएनआईआईडीसीओ) अंडमान और निकोबार प्रशासन की ओर से द्वीपों में सतत पारिस्थितिकी पर्यटन के विकास में लगा हुआ है। स्थायी वित्त समिति (एसएफसी) ने आयोजित अपनी बैठक में एवेस द्वीप और स्मिथ द्वीप में पारिस्थितिकी पर्यटन रिसॉर्ट के विकास तथा सार्वजनिक निजी भागीदारी (पीपीपी) के आधार पर मेगापोड रिसॉर्ट के पुनर्विकास के प्रस्ताव पर विचार किया।
पर्यावरण, वन और जलवायु परिवर्तन मंत्रालय¸ भारत सरकार ने एवेस द्वीप और स्मिथ द्वीप परियोजना के लिए सीआरजेड मंजूरी प्रदान की है तथा मेगापोड रिसॉर्ट के पुनर्विकास के लिए भी एएनआईआईडीसीओ द्वारा सीआरजेड मंजूरी प्राप्त की जाएगी। एएनआईआईडीसीओ ने परियोजनाओं के लिए रियायतकर्ता की नियुक्ति के लिए बोली प्रक्रिया प्रबंधन को संभालने के लिए मेसर्स केपीएमजी और मेसर्स डेलोइट को लेनदेन सलाहकार के रूप में नियुक्त किया है। परियोजना के सतत विकास के लिए ग्रीन ग्लोब निर्धारित विकास मानकों और पर्यटन मंत्रालय, भारत सरकार द्वारा पांच सितारा वर्गीकरण को पूरा करेगा। परियोजनाओं को स्व-स्थायी के रूप में विकसित करने की परिकल्पना की गई है, जिसमें रियायतग्राही द्वारा वर्षा जल संचयन और उपचार संयंत्र, सौर सहित बैकअप बिजली, एसटीपी आदि जैसे ट्रंक बुनियादी ढांचे का विकास शामिल है। परियोजना की सफलता के लिए अंडमान और निकोबार प्रशासन उड़ान योजना के तहत पुलों और हवाई संपर्क के निर्माण सहित एनएच-4 के उन्नयन में तेजी लाकर मजबूत संपर्क योजना के विकास पर भी काम कर रहा है। जब ये परियोजनाएं पूरी हो जाएंगी तो आतिथ्य क्षेत्र में रोजगार बढ़ेगा, खासकर स्थानीय युवाओं के लिए और द्वीपों की समग्र आर्थिक समृद्धि को बढ़ावा मिलेगा।