कोलकाता: हाल ही में मशहूर अभिनेता असरानी के निधन की खबर ने हिंदी सिनेमा जगत को गहरे शोक में डुबो दिया। उनकी पांच दशक लंबी अदाकारी यात्रा को याद करने के क्रम में एक दिलचस्प तथ्य सामने आया है, जिसे एक फिल्म शोधकर्ता देबाशीष मुखोपाध्याय ने सोशल मीडिया पर साझा किया।
असरानी के बारे में आमतौर पर माना जाता था कि उन्होंने अपने करियर की शुरुआत किशोर साहू की 1967 की फिल्म 'हरे कांच की चूड़ियां' से की थी। लेकिन देबाशीष ने बताया कि असरानी ने अपने अभिनय की पहली भूमिका महान बंगाली फिल्म निर्देशक ऋत्विक घटक द्वारा निर्देशित एक शॉर्ट फिल्म 'डर (Fear)' में निभाई थी। यह फिल्म 1965 में पुणे स्थित फिल्म एंड टेलीविजन इंस्टिट्यूट ऑफ इंडिया (एफटीआईआई) में बनाई गई थी, जहां असरानी 1964 से 1966 तक पढ़ाई कर रहे थे।
उस समय ऋत्विक घटक एफटीआईआई के वाइस प्रिंसिपल और निर्देशन विभाग के प्रमुख थे। उन्होंने 'डर' नामक इस शॉर्ट फिल्म को छात्रों के अभिनय प्रशिक्षण के लिए बनाया था। फिल्म की पृष्ठभूमि परमाणु बम हमले से बचाए गए शरणार्थियों की थी और इसमें असरानी ने कप्तान का किरदार निभाया था। हालांकि उनके संवाद कम थे, लेकिन यह फिल्म असरानी के लिए असली ऑन-स्क्रीन डेब्यू साबित हुई।
इस साल एफटीआईआई ने 'डर' की 4K गुणवत्ता में रिस्टोरेशन किया हुआ संस्करण यूट्यूब पर रिलीज किया है। इस फिल्म में सुभाष घई, सुधा रानी, उर्वशी दत्ता और गोवर्धन शर्मा भी थे। यह पहल राष्ट्रीय फिल्म हेरिटेज मिशन के तहत भारत की सिनेमा विरासत को संरक्षित करने की दिशा में महत्वपूर्ण कदम है। इस प्रकार, असरानी की शुरुआत ऋत्विक घटक जैसे महान निर्देशक के मार्गदर्शन में हुई, जिसने हिंदी सिनेमा के उस बहुमुखी कलाकार को जन्म दिया, जिसे हम आज याद करते हैं।