जम्मू : पिछले 24 घंटे से अधिक समय में जम्मू में आतंकवादियों और सुरक्षा बलों के बीच तीसरी मुठभेड़ जारी है। एक रिपोर्ट के अनुसार सुरक्षा बलों ने आतंकियों को घेर लिया है। इट नाइट कोर ने ‘एक्स’ पर कहा, ‘‘विशिष्ट खुफिया सूचना के आधार पर आज उधमपुर के बसंतगढ़ इलाके में जम्मू कश्मीर पुलिस के साथ एक संयुक्त अभियान शुरू किया गया। दोनों पक्षों के आमने-सामने आने पर भीषण गोलीबारी शुरू हो गई। शुरुआती गोलीबारी में हमारा एक बहादुर जवान गंभीर रूप से घायल हो गया और बाद में डॉक्टरों के तमाम प्रयासों के बावजूद उसे बचाया नहीं जा सका। शहीद जवान की पहचान विशेष बलों के 6 पैरा के हवलदार झंटू अली शेख के रूप में की गई है।
सेना ने ‘एक्स’ पर कहा कि व्हाइट नाइट कोर के जीओसी और सभी अधिकारी 6 पैरा एसएफ के बहादुर हवलदार झंटू अली शेख को सलाम करते हैं, जिन्होंने आतंकवाद विरोधी अभियान के दौरान सर्वोच्च बलिदान दिया।’’
सेना ने कहा कि उनके अदम्य साहस और उनकी टीम की वीरता को कभी नहीं भुलाया जा सकेगा। सेना ने कहा कि ‘हम दुख की इस घड़ी में शोक संतप्त परिवार के साथ खड़े हैं।
उन्होंने कहा कि अंतिम सूचना आने तक मुठभेड़ जारी थी। इलाके से पूछताछ के लिए चार संदिग्धों को भी पकड़ा गया है। यह पिछले 24 घंटे से अधिक समय में जम्मू में आतंकवादियों और सुरक्षा बलों के बीच तीसरी मुठभेड़ है।
बुधवार को दक्षिण कश्मीर के कुलगाम जिले में तंगमार्ग इलाके में तलाशी अभियान के दौरान आतंकवादियों ने सुरक्षा बलों पर गोली चला दी जिसके बाद मुठभेड़ शुरू हो गई।
सेना ने बुधवार को बारामूला के उरी नाले में घुसपैठ की एक कोशिश नाकाम कर दी और दो आतंकवादियों को मार गिराया। इससे पहले मंगलवार को पहलगाम में एक आतंकी हमले में 26 लोग मारे गए जिनमें अधिकतर पर्यटक थे।
बसंतगढ़ पट्टी में पिछले एक साल में कई आतंकी घटनाएं : उधमपुर जिले की बसंतगढ़ पट्टी में पिछले एक साल में कई आतंकी घटनाएं सामने आई हैं। गत 9 अप्रैल को उधमपुर जिले के रामनगर के जोफर-मार्टा क्षेत्र में सुरक्षा बलों और आतंकवादियों के बीच मुठभेड़ हुई थी। हालांकि, आतंकवादी भागने में सफल रहे। पिछले साल 11 सितंबर को बसंतगढ़ के ऊपरी इलाकों में हुई मुठभेड़ में जैश-ए-मोहम्मद (जेईएम) संगठन से जुड़े दो आतंकवादी मारे गए थे। पिछले साल 29 अप्रैल को बसंतगढ़ के पनारा गांव में अज्ञात बंदूकधारियों के साथ गोलीबारी में ग्राम रक्षा गार्ड का एक सदस्य मारा गया था।
कठुआ सीमावर्ती जिले और डोडा-किश्तवाड़ पट्टी के बीच स्थित इस रणनीतिक क्षेत्र में घुसपैठ की कोशिशों के दौरान कई मुठभेड़ हुई हैं और अभियान चलाए गए हैं।