टॉप न्यूज़

डिमेंशिया पर आधारित ‘पुरातन' की स्पेशल स्क्रीनिंग

डिमेंशिया अल्जाइमर का पहला स्टेप : ममता बिनानी

सन्मार्ग संवाददाता

कोलकाता : वुमन टाइम्स एंड ममता सुमित बिनानी फाउंडेशन की ओर से डिमेंशिया पर आधारित बांग्ला फिल्म 'पुरातन' की साउथ सिटी आईनॉक्स में विशेष स्क्रीनिंग की गयी। इसमें बांग्ला फिल्म के दिग्गज अभिनेता प्रोसेनजीत चटर्जी, फिल्म की मुख्य अभिनेत्री रितुपर्णा सेनगुप्ता और डॉ. सीएस एडवोकेट ममता बिनानी व अन्य गण्यमान्य उपस्थित थे। इस फिल्म में डिमेंशिया के संवेदनशील चित्रण की प्रशंसा की गई। यह एक ऐसा विषय है जिसे भारतीय फिल्म में शायद ही कभी इतनी सूक्ष्मता और भावनात्मक गहराई के साथ दिखाया गया हो। फिल्म पुरातन में मशहूर अभिनेत्री शर्मिला टैगोर ने रितुपर्णा सेनगुप्ता के किरदार की मां की भूमिका निभाई है, जो कई दशकों के बाद बांग्ला फिल्म में उनकी वापसी है। उनके अभिनय को याददाश्त की समस्या से जूझ रही एक महिला का एक गहरा मार्मिक और गरिमापूर्ण चित्रण माना गया है। अभिनेता सौरसेनी मैत्रा ने भी इस पहल की सराहना की, जिन्होंने प्रोसेनजीत चटर्जी के साथ मिलकर मानसिक स्वास्थ्य जागरुकता और बीमारी के सामने पारिवारिक बंधनों के महत्व को संबोधित करने के लिए फिल्म की प्रतिबद्धता की प्रशंसा की। इस दौरान फिल्म से दर्शक काफी ज्यादा प्रेरित और भावनात्मक रूप से प्रभावित हुए। इस मौके पर ममता बिनानी ने कहा कि इस फिल्म के माध्यम हम समाज को डिमेंशिया के बारे में बताना चाहते हैं। हालांकि डिमेंशिया अल्जाइमर का पहला स्टेप है। इस अवस्था में अक्सर लाेग भूलना शुरू कर देते हैं। खासकर 'वृद्धावस्था' में इस बीमारी से लोग ग्रसित होते हैं। यहां तक कि उनका ब्रेन एक बच्चे की तरह हो जाता है और वे अपने को धीरे-धीरे खोते हुए देखते हैं। उनकी यादें, पहचान और जुड़ाव धीरे-धीरे उनसे कम हो जाते हैं। उनका कहना है कि भारत में 2030 तक अनुमानित 90 लाख लोग डिमेंशिया से पीड़ित होंगे। अधिकांश परिवार चुपचाप इस तकलीफ को सहते हैं, बिना यह जाने कि डिमेंशिया असल में क्या है। इसलिए हम इस फिल्म के माध्यम से समाज को जागरूक करना चाहते हैं, ताकि समाज का कोई भी व्यक्ति इस बीमारी का शिकार न हो।

SCROLL FOR NEXT