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मुंबई में प्राचीन जैन मंदिर तोड़े जाने से कोलकाता के जैन समाज में आक्रोश

23 अप्रैल को प्रतिवाद रैली का आयोजन

सन्मार्ग संवाददाता

कोलकाता : मुंबई में स्थित एक 30 वर्षों पुराना प्राचीन जैन मंदिर तोड़े जाने की घटना से कोलकाता जैन समाज में गहरा आक्रोश व्याप्त है। समाज के विभिन्न वर्गों ने इस दुर्भाग्यपूर्ण घटना की कड़ी निंदा की है और इसे धार्मिक भावना पर आघात बताया है। जैन समाज की स्पष्ट मांग है कि मंदिर को उसी स्थान पर यथाशीघ्र पुनर्निर्मित किया जाये तथा सरकार तत्काल प्रभाव से आदेश जारी कर निर्माण कार्य आरंभ करवाए। इसी मांग को लेकर कोलकाता जैन समाज 23 अप्रैल को एक विशाल प्रतिवाद रैली का आयोजन कर रहा है। इस रैली के माध्यम से सरकार से अपील की जाएगी कि मंदिर तोड़ने की इस घटना में दोषियों की शीघ्र गिरफ्तारी हो और मंदिर का पुनर्निर्माण बिना किसी देरी के शुरू किया जाए। इस आंदोलन में कोलकाता एवं उपनगरीय क्षेत्रों के जैन समाज के प्रमुख नेता भाग लेंगे। इनमें शामिल हैं धर्मेन्द्र जैन, निर्मल जैन बिंदायका, राजेंद्र जैन, रतन दुगड़, प्रदीप पटुआ, चंद्रेश मेगानी, नरेंद्र बडिया, दिनेश गंगवाल, बिनोद संचेती, बुद्धमल लूनिया, अजय भंसाली, कमल दुगड़, तुलसी दुगड़, विजय बावलिआ, रमेश सरावगी, जसबीर सेठ, राजकुमार सेठी, सर्वेश पाटनी, दीपक पाटनी, सुमित बगड़ा, अनत जैन, विशाल जैन, मनीष जैन बाली, मनोज पी.एम., सुनील पहाड़िया, संजय काला (हिन्दमोटर), विनोद काला, महेंद्र पाटनी, सौरभ जैन, रोशन जैन, सनत जैन, सुदीर जैन, राजेश छाबड़ा, ललित सरावगी, महावीर सरावगी, राकेश पाटनी, दीपक सेठी, महेंद्र पांड्या, निरंजन कासलीवाल व अन्य। इस दौरान जैन समाज की ओर से दिनेश जैन गंगवाल ने जानकारी देते हुए सभी जैन भाई-बहनों से आह्वान किया है कि वे इस रैली में बढ़-चढ़कर भाग लें और एकजुट होकर अपनी धार्मिक आस्था, विरासत और अधिकारों की रक्षा करें।

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