सन्मार्ग संवाददाता
श्री विजयपुरम : तटीय सुरक्षा को और अधिक सुदृढ़ करने तथा समुद्री संसाधनों की निरंतर परिचालन क्षमता सुनिश्चित करने की दिशा में अंडमान एवं निकोबार पुलिस ने एक महत्वपूर्ण कदम उठाया है। अंडमान पुलिस ने अपनी चार 12 टन फास्ट इंटरसेप्टर बोट्स के लिए व्यापक वार्षिक रखरखाव अनुबंध यानी कॉम्प्रिहेन्सिव एनुअल मेंटेनेंस कॉन्ट्रैक्ट को अंतिम रूप दिया है। यह अनुबंध कोलकाता स्थित गार्डन रीच शिपबिल्डर्स एंड इंजीनियर्स लिमिटेड के साथ नामांकन आधार पर किया गया। इस अवसर पर गार्डन रीच शिपबिल्डर्स एंड इंजीनियर्स लिमिटेड के सेवानिवृत्त कमोडोर समीर बेरा तथा अंडमान एवं निकोबार द्वीपसमूह के पुलिस महानिदेशक हरगोबिंदर सिंह ढिल्लों उपस्थित रहे। उल्लेखनीय है कि ये 12 टन फास्ट इंटरसेप्टर बोट्स वर्ष 2010–11 में गृह मंत्रालय की तटीय सुरक्षा योजना के प्रथम चरण के अंतर्गत अंडमान पुलिस को प्रदान की गई थीं। इन नौकाओं का डिजाइन, निर्माण और आपूर्ति भारत सरकार के रक्षा मंत्रालय के अंतर्गत आने वाली सार्वजनिक क्षेत्र की इकाई गार्डन रीच शिपबिल्डर्स एंड इंजीनियर्स लिमिटेड द्वारा की गई थी। पूर्व में इन नौकाओं का वार्षिक रखरखाव जुलाई 2017 तक गार्डन रीच शिपबिल्डर्स एंड इंजीनियर्स लिमिटेड द्वारा सफलतापूर्वक किया गया था। इसके बाद खुली निविदा के माध्यम से रखरखाव की प्रक्रिया अपनाई गई, लेकिन सक्षम बोलीदाताओं की भागीदारी न होने के कारण यह प्रयास सफल नहीं हो सका। इसके चलते अस्थायी और आंशिक मरम्मत कराई गई, जो न तो प्रभावी सिद्ध हुई और न ही आर्थिक रूप से टिकाऊ रही। फास्ट इंटरसेप्टर बोट्स की तटीय निगरानी में अहम भूमिका को देखते हुए इनका रखरखाव आंतरिक पीएमएफ तकनीकी स्टाफ द्वारा किया जा रहा था।
हालांकि, द्वीपों में ओईएम स्पेयर पार्ट्स और विशिष्ट उपकरणों की अनुपलब्धता के कारण मरम्मत में देरी होती रही और नौकाएं लंबे समय तक संचालन से बाहर रहीं। इसी कारण वार्षिक रखरखाव अनुबंध की आवश्यकता महसूस की गई, जिससे ओईएम स्तर की तकनीकी सहायता, वास्तविक स्पेयर पार्ट्स की सुनिश्चित आपूर्ति और संचालन में न्यूनतम बाधा सुनिश्चित की जा सके। यह कॉम्प्रिहेन्सिव एनुअल मेंटेनेंस कॉन्ट्रैक्ट 60 दिनों की मोबिलाइज़ेशन अवधि के बाद तीन वर्षों तक प्रभावी रहेगा। इसके अंतर्गत नियमित, निवारक और आकस्मिक रखरखाव, प्रशिक्षित तकनीकी कर्मियों की तैनाती, स्पेयर पार्ट्स एवं उपभोग्य सामग्रियों की आपूर्ति तथा न्यूनतम परिचालन मानकों का रखरखाव शामिल है। इसके साथ ही नियमित प्रदर्शन निगरानी और रिपोर्टिंग की भी व्यवस्था की गई है। इस अनुबंध से पीएमएफ नौकाओं की उपलब्धता में उल्लेखनीय सुधार होगा और अंडमान एवं निकोबार द्वीपसमूह की तटीय सुरक्षा को और मजबूती मिलेगी।