नयी दिल्ली : पायलटों के संगठन पायलट एसोसिएशन ऑफ इंडिया (पीएआई) ने एअर इंडिया-171 विमान हादसे की एएआईबी द्वारा जारी शुरुआती जांच रिपोर्ट पर कई सवाल उठाते हुए कहा है कि पायलटों को पहले से ही दोषी मान लेना गलत है। एसोसिएशन ने कहा है कि जांच सही दिशा में नहीं जा रही है और वह यह सुनिश्चित करना चाहती है कि यह निष्पक्ष हो और सभी तथ्यों पर ध्यान दिया जाये। पीएआई ने जांच में गोपनीयता को लेकर भी हैरानी जतायी है और कहा है कि इसमें ‘योग्य’ (क्वालीफाइड) लोगों को शामिल नहीं किया गया।
जांच में पारदर्शिता की मांग
पीएआई ने यहां जारी बयान में ‘वॉल स्ट्रीट जर्नल’ की उस रिपोर्ट का भी हवाला दिया, जिसमें कहा गया था कि जांच इंजन के फ्यूल कंट्रोल स्विच के मूवमेंट पर केंद्रित है। शुरुआती जांच रिपोर्ट में भी इसी बात को दुर्घटना का कारण बताया गया है। रिपोर्ट में दो पायलटों के बीच हुई बातचीत का भी जिक्र है। रिपोर्ट में कहा गया है कि हवा में फ्यूल कटऑफ स्विचों के हिलने से इंजन बंद हो गये। एसोसिएशन ने इस बात पर कड़ी आपत्ति जतायी कि जांच पायलटों को दोषी मानकर की जा रही है। पीएआई ने सवाल किया कि यह जानकारी उन्हें कैसे मिली? एसोसिएशन ने जांच में पारदर्शिता की मांग करते हुए कहा कि दस्तावेजों को सार्वजनिक कर दिया गया लेकिन किसी जिम्मेदार व्यक्ति ने इस पर हस्ताक्षर नहीं किये। एसोसिएशन ने कहा कि उसे भी जांच में पर्यवेक्षक के तौर पर भी शामिल किया जाना चाहिए।
एएआईबी की शुरुआती जांच रिपोर्ट
गौरतलब है कि विमान दुर्घटना अन्वेषण ब्यूरो (एएआईबी) की रिपोर्ट के अनुसार विमान की गति 180 नॉट्स आईएएस तक पहुंच गयी थी। इसके तुरंत बाद दोनों इंजनों के ईंधन कटऑफ स्विच एक के बाद एक रन से कटऑफ स्थिति में चले गये। दोनों स्विचों के बीच एक सेकंड का अंतर था। इससे दोनों इंजन धीमे होने लगे क्योंकि ईंधन की आपूर्ति बंद हो गयी थी। लंदन जाने वाले बोइंग 787 ड्रीमलाइनर विमान गत 12 जून को अहमदाबाद हवाईअड्डे से उड़ान भरने के तुरंत बाद ही एक मेडिकल कॉलेज के छात्रावास से टकराकर दुर्घटनाग्रस्त हो गया था। इस दुर्घटना में विमान में सवार 242 लोगों में से एक को छोड़कर बाकी सभी की मौत हो गयी थी। इस दुर्घटना में 19 और लोग भी मारे गये थे।