नयी दिल्ली : विमान दुर्घटना अन्वेषण ब्यूरो (एएआईबी) ने अपनी शुरुआती जांच रिपोर्ट में कहा है कि एअर इंडिया की गत 12 जून को अहमदाबाद से लंदन जाने वाली उड़ान एआई-171 के बोइंग 787 ड्रीमलाइनर विमान के दोनों इंजनों में ईंधन पहुंचाने वाले स्विच बंद (कटऑफ) हो गये थे और इसके बाद पायलटों में भ्रम की स्थिति पैदा हो गयी, जिसके कुछ ही सेकंड बाद विमान अहमदाबाद में दुर्घटनाग्रस्त हो गया। हालांकि रिपोर्ट में यह नहीं बताया गया कि स्विच बंद कैसे हुए या यह किसने किया। ‘कटऑफ’ की स्थिति में ईंधन की आपूर्ति तत्काल बंद हो जाती है और यह सामान्यता विमान के हवाईअड्डा गेट पर पहुंचने के बाद इंजन बंद करने या कुछ आपात स्थितियों, जैसे इंजन में आग लगने में किया जाता है। रिपोर्ट में ऐसा कोई संकेत नहीं दिया गया कि ऐसी कोई आपात स्थिति थी।
पायलट ने कहा : ईंधन बंद नहीं किया..
एएआईबी द्वारा शनिवार को जारी 15 पन्नों वाली रिपोर्ट में कहा गया है कि ‘कॉकपिट वॉयस रिकार्डिंग’ में सुना गया कि एक पायलट ने दूसरे से पूछा कि उसने ईंधन क्यों बंद किया, तो जवाब मिला कि उसने ऐसा नहीं किया। विमान ने 12 जून को अहमदाबाद हवाईअड्डे से उड़ान भरने के तुरंत बाद ही गति खोनी शुरू कर दी और वह एक मेडिकल कॉलेज के छात्रावास से टकराकर दुर्घटनाग्रस्त हो गया था। इस दुर्घटना में विमान में सवार 242 लोगों में से एक को छोड़कर बाकी सभी की मौत हो गयी थी। इस विमान दुर्घटना में यात्री और चालक दल के सदस्यों के अलावा 19 और लोग मारे गये थे। यह एक दशक में सबसे घातक विमान दुर्घटना थी।
दोनों स्विच उड़ान भरने के तुरंत बाद ‘कटऑफ’ स्थिति में चले गये
एएआईबी की रिपोर्ट में दिये गये घटनाक्रम के अनुसार दोनों ईंधन नियंत्रण स्विच (जिनका उपयोग इंजनों को बंद करने के लिए किया जाता है) उड़ान भरने के तुरंत बाद ‘कटऑफ’ स्थिति में चले गये थे। लगभग 10 सेकंड बाद इंजन 1 का ईंधन कटऑफ स्विच अपनी तथाकथित ‘रन’ स्थिति में चला गया और उसके चार सेकंड बाद इंजन 2 भी ‘रन’ स्थिति में आ गया। पायलट दोनों इंजनों को फिर से चालू करने में कामयाब रहे लेकिन केवल इंजन 1 ही ठीक हो पाया जबकि इंजन 2 गति बढ़ाने के लिए पर्याप्त शक्ति उत्पन्न नहीं कर पाया। पायलटों में से एक ने संकटकालीन चेतावनी ‘मे डे, मे डे, मे डे’ जारी की लेकिन इससे पहले कि हवाई यातायात नियंत्रकों को कोई प्रतिक्रिया मिल पाती, विमान अहमदाबाद हवाईअड्डे की सीमा के ठीक बाहर दुर्घटनाग्रस्त हो गया। यह कुछ पेड़ों को छूते हुए एक छात्रावास में जा गिरा।
सह-पायलट विमान उड़ा रहा था और कप्तान निगरानी कर रहा था
रिपोर्ट के अनुसार जब विमान ने उड़ान भरी उस समय सह-पायलट विमान उड़ा रहा था और कप्तान निगरानी कर रहा था। रिपोर्ट में कहा गया कि विमान के ऑपरेटरों के लिए फिलहाल कार्रवाई की कोई सिफारिश नहीं की गयी है। विमान ने भारतीय समयानुसार अपराह्न एक बजकर 38 मिनट 42 सेकंड पर अधिकतम दर्ज की गयी गति 180 नॉट्स आईएएस हासिल की और एक सेकंड बाद ही इंजन-1 और इंजन-2 के ईंधन ‘कटऑफ स्विच’ क्रमशः ‘रन’ से ‘कटऑफ’ स्थिति में चले गये। इंजन ‘एन1’ और ‘एन2’ की ईंधन आपूर्ति बंद होने के कारण उनकी क्षमता में गिरावट आनी शुरू हो गयी। विमान के उड़ान भरने के लगभग तुरंत बाद की सीसीटीवी फुटेज से पता चलता है कि ‘रैम एअर टर्बाइन’ (आरएटी) नामक ‘बैकअप’ ऊर्जा स्रोत सक्रिय हो गया था, जो इंजन में ऊर्जा की कमी का संकेत देता है।
पायलटों के बीच हुई बातचीत का सीमित ब्यौरा
रिपोर्ट ने कॉकपिट में दोनों पायलटों के बीच हुई बातचीत का केवल सीमित विवरण प्रदान किया और यह स्पष्ट नहीं किया कि उड़ान के दौरान स्विच ‘कटऑफ’ स्थिति में कैसे आ गये। इसमें कहा गया कि दुर्घटनास्थल पर दोनों ईंधन स्विच ‘रन’ स्थिति में पाये गये और कम ऊंचाई पर हुई दुर्घटना से पहले दोनों इंजनों के दोबारा चालू होने के संकेत मिले। इस उड़ान की कमान 56 वर्षीय सुमित सभरवाल के पास थी। वे एअर इंडिया में एक वरिष्ठ पायलट थे और उन्हें 30 साल का अनुभव था। उनके पास कुल 15,638 घंटे उड़ान का अनुभव था, जिनमें से 8,596 घंटे बोइंग 787 पर उड़ान के थे। वे एअर इंडिया के एक प्रशिक्षक भी थे। उनके सह-पायलट 32 वर्षीय क्लाइव कुंदर थे, जिनके पास कुल 3,403 घंटे की उड़ान का अनुभव था, जिसमें से 1,128 घंटे ड्रीमलाइनर पर उड़ान के थे। कुंदर उस उड़ान के दौरान ‘पायलट फ्लाइंग’ थे जबकि सभरवाल ‘पायलट मॉनिटरिंग’ की भूमिका में थे। रिपोर्ट में यह भी कहा गया है कि उड़ान से पहले चालक दल ने ‘ब्रेथ एनालाइजर टेस्ट’ पास किया था। जांच ब्रिटेन की ‘एयर एक्सीडेंट इन्वेस्टिगेशन ब्रांच’ और अमेरिका के ‘नेशनल ट्रांसपोर्टेशन सेफ्टी बोर्ड’ की सहायता से की गयी।
जीई इंजनों के ऑपरेटरों के लिए किसी कार्रवाई की अनुशंसा नहीं
एअर इंडिया ने एक बयान में कहा कि वह पीड़ित परिवारों और प्रभावित लोगों के साथ एकजुटता व्यक्त करती है और हादसे में लोगों की मौत से दुखी है। वह नियामकों सहित सभी संबंधित पक्षों के साथ कार्य कर रही है। जैसे-जैसे जांच आगे बढ़ रही है, वह एएआईबी और अन्य प्राधिकरणों के साथ पूर्ण सहयोग जारी रखे हुए है। वहीं बोइंग ने कहा कि हमारी संवेदनाएं एअर इंडिया उड़ान 171 के यात्रियों और चालक दल के सदस्यों के परिजनों के साथ हैं, साथ ही अहमदाबाद में इस घटना में मारे गये अन्य लोगों के परिजनों के साथ भी हमारी संवेदनांए हैं। हम जांच में सहयोग देना जारी रखेंगे। अमेरिकी राष्ट्रीय परिवहन सुरक्षा बोर्ड ने उल्लेख किया कि रिपोर्ट में बोइंग 787 विमान या जीई इंजनों के ऑपरेटरों के लिए किसी कार्रवाई की अनुशंसा नहीं की गयी है।
विमान की ‘लॉकिंग मैकेनिज्म’ की जांच नहीं की गयी
विमानन क्षेत्र के विशेषज्ञों का कहना है कि पायलटों के लिए ईंधन स्विच को अनजाने में चालू या बंद करना मुश्किल होता है क्योंकि स्विच में एक छोटा ‘मैकेनिकल गेट’ लगा होता है। एएआईबी रिपोर्ट में 2018 के एक ‘एफएए एयरवर्थिनेस बुलेटिन’ का उल्लेख किया गया है, जिसमें बोइंग विमान जैसे 737 और 787 पर ‘फ्यूल कंट्रोल स्विच लॉकिंग फीचर’ के संभावित ‘डिसएंगेजमेंट’ की बात कही गयी है। रिपोर्ट में कहा गया है कि एअर इंडिया के विमान की ‘लॉकिंग मैकेनिज्म’ की जांच नहीं की गयी क्योंकि यह कभी अनिवार्य नहीं था और 2023 से ईंधन नियंत्रण स्विच से संबंधित कोई दोष भी सामने नहीं आया। रिपोर्ट के अनुसार एअर ट्रैफिक कंट्रोलर’ (एटीसी) ने पायलट से ‘कॉल साइन’ पूछा लेकिन कोई जवाब नहीं मिला हालांकि उसने देखा कि विमान हवाईअड्डे की सीमा से बाहर दुर्घटनाग्रस्त हो गया और तुरंत आपातकालीन प्रक्रिया सक्रिय की। रिपोर्ट के अनुसार ईंधन के नमूनों का परीक्षण नागर विमानन महानिदेशालय (डीजीसीए) की प्रयोगशाला में किया गया और वे संतोषजनक पाये गये।
शुरुआती जांच रिपोर्ट पर जल्दबाजी में निष्कर्ष निकालना ठीक नहीं : नायडू
विशाखापत्तनम : नागर विमानन मंत्री के राम मोहन नायडू ने शनिवार को कहा कि अहमदाबाद में हाल में हुई एअर इंडिया विमान दुर्घटना को लेकर अभी निष्कर्ष पर पहुंचना अपरिपक्वता होगी क्योंकि विमान दुर्घटना अन्वेषण ब्यूरो (एएआईबी) ने अभी केवल शुरुआती रिपोर्ट जारी की है। हमें अंतिम रिपोर्ट का इंतजार करना चाहिए। ये तकनीकी बातें हैं और इसलिए हमारे पास ये जांच एजेंसियां हैं। एक बार जब उन्हें चीजें स्पष्ट हो जायेंगी... तो वे अंतिम रिपोर्ट सौंपेंगी। उन्होंने इस बात पर भी जोर दिया कि भारत की सबसे भीषण हवाई दुर्घटनाओं में से एक में मारे गये लोगों के परिजनों के साथ ‘न्याय’ होना चाहिए। एएआईबी को अंतिम रिपोर्ट प्रस्तुत करने में सहायता का वादा करते हुए उन्होंने कहा कि हमें कुछ ‘ठोस’ चीज सामने आने का इंतजार करना होगा। उन्होंने उम्मीद जतायी कि जल्द से जल्द अंतिम रिपोर्ट आ जायेगी।