नई दिल्ली : देश में कोरोना के तेजी से बढ़ते संक्रमण को देखते हुए केंद्र सतर्कता मोड में आ गया है। केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय ने दिल्ली सहित कई राज्यों और केंद्रशासित प्रदेशों को पत्र लिखकर जरूरी कदम उठाने को कहा है। इन सभी राज्यों को नया दिशा-निर्देश भी जारी किया गया है। इस बीच देशभर में कोरोना वायरस के सक्रिय मामलों की संख्या 3207 पहुंच गयी है। पिछले दिन के मुकाबले 511 नये मामले सामने आये हैं। अब तक 22 लोगों की मौत हो चुकी है। केरल में सबसे ज्यादा 1147 मामले हैं। महाराष्ट्र 681 सक्रिय मामलों के साथ दूसरे नंबर पर है।
केंद्रीय स्वास्थ्य सचिव पुण्या सलिला श्रीवास्तव ने 29 मई को सभी राज्यों के मुख्य सचिवों और केंद्रशासित प्रदेशों के प्रशासकों को एक पत्र लिखा है। इस पत्र में उन्होंने कहा है कि मौसम बदलने के साथ ही सांस की बीमारियां बढ़ जाती हैं। ये बीमारियां इन्फ्लूएंजा, सार्स-कोव-2 और आरएसवी जैसे वायरस की वजह से होती हैं। पत्र में कहा गया है कि देश के कुछ हिस्सों में सार्स-कोव-2 की वजह से होने वाली सांस की बीमारियों के मामलों में थोड़ी बढ़ोतरी देखी जा रही है। उन्होंने यह भी बताया कि ज्यादातर संक्रमण हल्के हैं। अभी ओमिक्रॉन के जेएक 1, एक्सएफजी और एलएफ 7.9 वेरिएंट ही मिल रहे हैं। इनसे बुखार, खांसी और गले में खराश जैसे लक्षण होते हैं, जो अपने आप ठीक हो जाते हैं।
स्वास्थ्य मंत्रालय ने जारी किया नया निर्देश
स्वास्थ्य मंत्रालय ने राज्यों को अस्पतालों की तैयारी जांचने के लिए कहा है। इसमें जिला और उप-जिला स्तर के अस्पताल, मेडिकल कॉलेज, और दूसरे स्वास्थ्य केंद्र शामिल हैं। अस्पतालों में जांच की सुविधा, जरूरी दवाएं, पीपीई किट, आइसोलेशन वार्ड, ऑक्सीजन सप्लाई, क्रिटिकल केयर बेड और वेंटिलेटर जैसी सुविधाएं होनी चाहिए। ऑक्सीजन की तैयारी को जांचने के लिए मॉक ड्रिल भी करनी होगी। इसकी रिपोर्ट 2 जून तक भेजनी है। मंत्रालय ने टेस्टिंग प्रोटोकॉल का पालन करने पर भी जोर दिया है।
लोगों को हाथ धोने से लेकर छींकने का ध्यान रखना होगा
लोगों को जागरूक करने के लिए हाथ धोने और सांस लेने की सही आदतों के बारे में बताना होगा। खांसते या छींकते समय मुंह को ढकना और सार्वजनिक जगहों पर थूकने से बचना चाहिए। बुजुर्गों और कमजोर इम्युनिटी वाले लोगों को भीड़-भाड़ वाली जगहों पर जाने से बचना चाहिए। अगर जाना ज़रूरी हो, तो मास्क पहनना चाहिए। अगर किसी को सांस लेने में तकलीफ या सीने में दर्द जैसे लक्षण हों, तो तुरंत डॉक्टर से सलाह लेनी चाहिए। सांस की बीमारियों से बचने के लिए ज़रूरी है कि हम सावधानी बरतें और सरकार के निर्देशों का पालन करें। इस बीच कर्नाटक सरकार ने राज्य में बढ़ते कोरोना केसों को देखते हुए नया सर्कुलर जारी किया है। इसमें माता-पिता से अपील की है कि अगर बच्चों में सर्दी, खांसी, बुखार या कोविड जैसे लक्षण हों तो उन्हें स्कूल न भेजें।
राज्यों की स्थिति
गत 30 मई तक देश में कोरोना के सक्रिय मामले बढ़कर 3207 हो गये हैं। पिछले दिन के मुकाबले 511 नये मामले सामने आये हैं। अब तक 22 लोगों की मौत हो चुकी है।, जिनमें इनमें सबसे ज्यादा 6 मौतें महाराष्ट्र में हैं। कर्नाटक के मैसूर में शुक्रवार को 63 साल के एक बुजुर्ग की मौत हो गयी। राज्य में कोरोना से यह तीसरी मौत है। इसके अलावा महाराष्ट्र, केरल, राजस्थान, उत्तर प्रदेश और मध्य प्रदेश में कुल 13 मरीजों की मौत हो चुकी है। स्वास्थ्य विभाग ने 31 मई को दिल्ली, गुजरात, पंजाब और तमिलनाडु में भी एक-एक मौत की पुष्टि की।
मिजोरम में 7 महीने बाद कोविड का पहला मामला
मिजोरम में 2 लोगों में कोविड-19 की पुष्टि हुई है। स्वास्थ्य विभाग के अधिकारियों ने बताया कि राज्य में इस तरह का आखिरी मामला सामने आने के 7 महीने बाद कोविड के केस मिले। मिजोरम में कोविड-19 का आखिरी मामला अक्टूबर 2024 में सामने आया था, उस दौरान राज्य में 73 लोग वायरस से संक्रमित हुए थे। उन्होंने बताया कि मरीजों का इलाज आइजोल के पास फल्कोन में जोरम मेडिकल कॉलेज और अस्पताल में चल रहा है।
दिल्ली मेंसंक्रमण से मौत का हाल में पहला मामला
दिल्ली में कोविड-19 से पीड़ित 60 वर्षीय एक महिला की मौत हो गयी। अधिकारियों ने शनिवार को बताया कि कोविड-19 के बढ़ते मामलों के बीच राष्ट्रीय राजधानी में हाल में इस संक्रमण से मौत का यह पहला मामला है। दिल्ली में कोविड-19 के उपचाराधीन मरीजों की संख्या 294 है। एक अधिकारी ने कहा कि महिला ‘लैपरोटॉमी’ ऑपरेशन के बाद आंतों से संबंधित बीमारी से जूझ रही थी। बाद में वह कोविड-19 से पीड़ित पायी गयी।