Abhishek Banerjee with the Indian Diaspora in Singapore  
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आतंकवाद के खिलाफ लड़ाई अकेले नहीं लड़ी जा सकती : अभिषेक

यह एक वैश्विक खतरा है और वैश्विक सहमति और संकल्प की आवश्यकता है

कोलकाता: आतंक के खिलाफ लड़ाई अकेले या चुपचाप नहीं लड़ी जा सकती। इसकी गूंज कक्षाओं, विश्वविद्यालयों, बोर्डरूम और हर जागरूक वैश्विक नागरिक के बीच होनी चाहिए। टीएमसी सांसद और भारतीय संसदीय प्रतिनिधिमंडल का हिस्सा अभिषेक बनर्जी ने मंगलवार को सिंगापुर में भारतीय प्रवासियों के साथ चर्चा में कहा कि सीमा पार आतंकवाद केवल भारत की समस्या नहीं है। यह एक वैश्विक खतरा है और इसके लिए एक एकीकृत वैश्विक सहमति और सामूहिक संकल्प की आवश्यकता है। उन्होंने कहा, मैं समुद्र के पार अपने विस्तारित परिवार से आग्रह करता हूं कि वे अपनी आवाज उठाएं, वैश्विक आख्यानों को आकार दें और हर मंच पर भारत की संप्रभुता की वकालत करें। संकट के क्षणों में राष्ट्र बयानबाजी से नहीं, बल्कि उद्देश्य के प्रति प्रतिबद्धता से आगे बढ़ते हैं। उन्होंने कहा, मुझे विदेशी धरती पर भारत की अद्वितीय भावना को पनपते हुए देखकर बहुत खुशी हुई। आतंकवाद के खिलाफ हमारी लड़ाई दुनिया भर में मजबूती से गूंज रही है।

आतंकवाद किसी सीमा का पालन नहीं करता

बता दें कि इस दिन सिंगापुर में भारतीय संसदीय प्रतिनिधिमंडल की बातचीत की शुरुआत भारतीय उच्चायुक्त द्वारा एक व्यापक ब्रीफिंग के साथ हुई, जिसमें आगे की चर्चा के लिए मूल्यवान संदर्भ प्रस्तुत किये गये। अभिषेक ने कहा, सिंगापुर सरकार, शिक्षा जगत, थिंक टैंक, मीडिया और व्यापार जगत के वार्ताकारों के साथ बैठकों में हमने आतंकवाद-रोधी भारत की नीति में नयी सामान्य बात को रेखांकित किया, जो सटीक, जिम्मेदार और अडिग है। उन्होंने कहा, आतंकवाद किसी सीमा का पालन नहीं करता और इसके खिलाफ लड़ाई में हम सभी को एकजुट होना चाहिए। भारत अपनी नैतिक और रणनीतिक स्पष्टता पर अडिग है। जो लोग आतंकवाद को बढ़ावा देते हैं, उसका समर्थन करते हैं या उसे उचित ठहराते हैं, उन्हें जवाबदेह ठहराया जाएगा। इसके अलावा अभिषेक ने एस्प्लेनेड पार्क में स्थित आईएनए मेमोरियल का दौरा किया, जिसका अभी जीर्णोद्धार कार्य चल रहा है। उन्होंने सिंगापुर में रामकृष्ण मिशन में भी प्रार्थना की, जो आध्यात्मिक ज्ञान और सेवा का प्रतीक है।

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