कांकीनाड़ा में बन रहा जगन्नाथ देव मंदिर  
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कांकीनाड़ा में बन रहा भव्य जगन्नाथ मंदिर

"दौर्मज" पूजा में उमड़ा भक्तों का सैलाब

नि​धि, सन्मार्ग संवाददाता

कांकीनाड़ा : दीघा में पुरी की तर्ज पर जगन्नाथ मंदिर के सफल निर्माण के बाद, अब पश्चिम बंगाल के कांकीनाड़ा में भी भगवान जगन्नाथ का एक भव्य मंदिर बनने जा रहा है। इस धार्मिक पहल ने स्थानीय भक्तों और श्रद्धालुओं में भारी उत्साह भर दिया है।

मंदिर निर्माण कार्य की शुरुआत से पहले, धार्मिक रीति-रिवाजों के अनुसार "दौर्मज" पूजा संपन्न की गई, जिसमें भारी संख्या में श्रद्धालु हिस्सा लेने के लिए पहुंचे। इस शुभ अवसर पर भक्तों ने न केवल पूजा-अर्चना की, बल्कि मंदिर निर्माण कार्य में अपनी-अपनी ओर से उदारतापूर्वक दान भी दिया।

स्थानीय पार्षद और भाटपाड़ा पालिका के पूर्व प्रशासक, गोपाल राउत ने इस पहल को लेकर खुशी व्यक्त की। उन्होंने कहा कि कांकीनाड़ा के जगन्नाथ भगवान के भक्तों की यह पुरानी और प्रबल कामना थी, जिसके लिए वे लंबे समय से प्रयासरत थे। प्रभु जगन्नाथ की कृपा से अब यह सपना साकार होने जा रहा है। मंदिर का निर्माण कांकीनाड़ा फलाहारी बाबा मंदिर के निकट किया जाएगा।

राउत ने कांकीनाड़ा के ऐतिहासिक महत्व पर प्रकाश डालते हुए बताया कि इस क्षेत्र में कई सौ साल पुराने मंदिर हैं, और दूर-दराज से लोग यहां दर्शन करने आते हैं। उन्होंने इस बात पर जोर दिया कि कांकीनाड़ा में सभी धर्मों और संप्रदायों के लोग सौहार्द और प्रेम के साथ रहते हैं। उन्होंने स्वीकार किया कि अतीत में कांकीनाड़ा और भाटपाड़ा कुछ "अलग मामलों" के कारण सुर्खियों में रहे थे, लेकिन अब यह भूमि भक्ति, प्रेम और सौहार्द की भूमि के रूप में अपनी पहचान बनाएगी।

निर्धारित शुभ तिथि भगवान जगन्नाथ की मूर्ति की विधिवत स्थापना की जाएगी

दौर्मज पूजन में सांसद पार्थ भौमिक, पालिका के वाइस चेयरमैन देवज्योति घोष, सीआईसी अमित गुप्ता, पार्षद मनोज पांडेय सहित क्षेत्र के कई अन्य गणमान्य व्यक्तियों ने भी भाग लिया और अपनी शुभकामनाएं दीं।

पंडितों द्वारा निर्धारित शुभ तिथि पर मंदिर निर्माण कार्य शुरू किया जाएगा, जिसके पूर्ण होने के बाद भगवान जगन्नाथ की मूर्ति की विधिवत स्थापना की जाएगी। इस मंदिर के बनने से कांकीनाड़ा क्षेत्र धार्मिक और सांस्कृतिक रूप से और समृद्ध होगा, और यह भक्तों के लिए एक नया आस्था का केंद्र बन जाएगा।

यह भव्य मंदिर पुरी के प्रसिद्ध जगन्नाथ धाम की तरह ही भक्ति और आस्था का प्रतीक बनेगा, और आने वाले समय में कांकीनाड़ा को एक महत्वपूर्ण धार्मिक स्थल के रूप में पहचान दिलाएगा।

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