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एक साथ 45 परिवारों ने किया धर्म परिवर्तन, जाने क्या है पूरा मामला

जानें गौतम गरासिया की कहानी

नई दिल्ली - राजस्थान के बांसवाड़ा जिले की गांगड़ तलाई तहसील के झांबुडी ग्राम पंचायत के सोढला दूदा गांव में करीब 30 साल पहले लगभग 40-45 हिंदू परिवारों ने ईसाई धर्म अपना लिया था। इनमें गौतम गरासिया भी शामिल थे, जिन्होंने परिवार के इलाज और ईसाई समुदाय द्वारा आर्थिक सहायता के लालच में धर्म परिवर्तन किया था। हालांकि, हाल ही में गौतम गरासिया सहित इन सभी 40-45 परिवारों ने ईसाई धर्म त्यागकर दोबारा हिंदू धर्म अपना लिया है।

अपने मर्जी से कर रहे हैं सबकुछ

गौतम गरासिया ने बताया कि वह पहले ईसाई थे, लेकिन अब उन्होंने अपनी इच्छा से फिर से हिंदू धर्म अपना लिया है। उन्होंने खुलासा किया कि ईसाई समुदाय ने उन्हें पैसे का लालच दिया था, और चर्च बनाने के उद्देश्य से गुजरात के दाहोद से ईसाई परिवार यहां आए थे। हालांकि, अब गौतम ने अपने गांव की जमीन पर भैरव जी का धाम बनाने का निर्णय लिया है। रविवार को भैरव जी की मूर्ति की स्थापना की जाएगी, और इस स्थान पर हिंदू रीति-रिवाजों के अनुसार देवी-देवताओं की पूजा की जाएगी।

क्या कहना है गौतम का ?

पहले पादरी रह चुके गौतम गरासिया अब सनातन धर्म को अपनाकर केसरी दुपट्टा गले में डालकर पूरे गांव में इस बदलाव की जानकारी देते नजर आए। उन्होंने बताया कि अब गांव के लोग जागरूक हो गए हैं और समझने लगे हैं कि धर्मांतरण के पीछे मुख्य रूप से पैसों का लालच था। गौतम ने यह भी खुलासा किया कि ईसाई समुदाय उनके बच्चों को आंध्र प्रदेश के ईसाई बहुल क्षेत्रों में ले जाकर उनकी शादी करवाता था, ताकि उनकी पहचान पूरी तरह से ईसाई समुदाय में स्थापित हो सके।

गौतम ने बताया कि जब उन्होंने हिंदू धर्म में वापसी की, तो ईसाई समाज के एक पास्टर ने उन्हें फोन कर कहा कि वे गलत कर रहे हैं। हालांकि, गौतम ने किसी भी तरह के दबाव को स्वीकार नहीं किया और अपने फैसले पर कायम रहे। उन्होंने स्पष्ट किया कि अगर ईसाई समुदाय की ओर से किसी तरह की जोर-जबरदस्ती की गई, तो वे कानूनी कार्रवाई करेंगे।

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