कोलकाता : मलमास को अधिकमास और पुर्षोत्तम मास भी कहा जाता है। हिंदू धर्म में मलमास विशेष धार्मिक महत्व रखता है। यह वह समय है जब शादी-विवाह और मुंडन जैसे धार्मिक कार्य नहीं किए जाते हैं। मलमासम में विशेषकर भगवान विष्णु का पूजन किया जाता है। इस साल मलमास 18 जुलाई से शुरू हो रहे हैं और आने वाली 16 अगस्त तक रहने वाला है। मलमास में तुलसी की भी विशेष पूजा होती है जिसका एक कारण यह है कि धार्मिक मान्यतानुसार तुलसी को श्रीहरि की प्रिय माना जाता है। यहां जानिए मलमास में किन बातों को ध्यान में रखा जाता है और तुलसी से जुड़े उपाय व सावधानियां कौन-कौन सी हैं।
मलमास में तुलसी उपाय
- मलमास में सुबह-सेवेर उठकर स्नान पश्चात स्वच्छ वस्त्र धारण किए जाते हैं। इसके बाद भगवान विष्णु की पूजा की जाती है और पूजा में तांबे के लोटे में पानी भरकर रखा जाता है।
- पूजा समाप्त होने के बाद इस लोटे के पानी को ही तुलसी के पौधे में चढ़ाया जाता है।
- तुलसी पर चंदन या कुमकुम से टीका लगाते हैं और साथ ही चुन्नी भी चढ़ाई जाती है।
- मान्यतानुसार तुलसी की पूजा की जाती है और पूजा का प्रसाद सभी में वितरित किया जाता है।
- भगवान विष्णु की पूजा में भोग बनाते हुए भी तुलसी का प्रयोग किया जा सकता है।
- तुलसी के पत्ते सेहत के लिए भी अच्छे माने जाते हैं। आप तुलसी के पत्तों को प्रसाद में डाल सकते हैं। इससे भोग का स्वाद भी बेहतर होता है।
- तुलसी की पूजा करते हुए महिलाओं को बाल बांधकर रखने की सलाह दी जाती है। पूजा करते हुए बाल खुले रखना अच्छा नहीं माना जाता है।
- तुलसी माता की पूजा करते हुए तुलसी की परिक्रमा करना भी शुभ होता है। परिक्रमा करने से माना जाता है कि तुलसी माता प्रसन्न होती हैं।
- सुबह तुलसी की पूजा करते हुए कुछ मंत्रों का जाप भी किया जा सकता है।
- तुलसी पर जल चढ़ाते हुए ॐ नमो भगवते वासुदेवाय नम: मंत्र का जाप किया जा सकता है।