कोलकाता : शिव जी को प्रसन्न करने के लिए सावन का महीना सबसे उत्तम माना गया है। इस माह में शिव जी की विधि-विधान से पूजा की जाती है। वैसे तो यह पूरा महीना विशेष फलदाई है, लेकिन सावन में पड़ने वाले प्रत्येक सोमवार का अलग ही महत्व होता है। इस साल सावन में कुल 8 सोमवार पड़ रहे हैं, जिसमें से पांच सोमवार बीत चुके हैं। छठा सोमवार 14 अगस्त को है। सावन सोमवार के दिन भगवान शिव की आराधना की जाती है। सुबह से ही शिव भक्त मंदिरों में जाकर शिवलिंग पर दूध, जल और बेलपत्र चढ़ाते हैं। पौराणिक मान्यताओं के अनुसार, जो भक्त सच्चे मन से सावन सोमवार व्रत करता है और भगवान भोलेनाथ की पूजा अर्चना करता है उसपर शिव शम्भू के साथ मां पार्वती भी प्रसन्न होती हैं। ऐसे में चलिए जानते हैं सावन के छठे सोमवार की पूजा विधि और महत्व…
छठा सावन सोमवार पर मुहूर्त
ब्रह्म मुहूर्त – सुबह 04 बजकर 50 मिनट से सुबह 05 बजकर 34 मिनट तक
गोधूलि मुहूर्त – शाम 07 बजकर 07 मिनट से शाम 19 बजकर 29 मिनट तक
अमृत काल – सुबह 08 बजकर 27 मिनट से सुबह 10 बजकर 14 मिनट तक
छठा सावन सोमवार पर शुभ योग
सिद्धि योग – 13 अगस्त, दोपहर 03 बजकर 56 मिनट से 14 अगस्त को दोपहर 04 बजकर 40 मिनट तक
सर्वार्थ सिद्धि योग – 14 अगस्त, सुबह 11 बजकर 07 मिनट से 15 अगस्त को सुबह 05 बजकर 50 मिनट तक
इसी दिन सावन के अधिक मास शिवरात्रि भी है।
सावन सोमवार पूजा सामग्री
सावन माह में सोमवार पूजा के लिए फूल, पंच फल, पंच मेवा, रत्न, सोना, चांदी, दक्षिणा, पूजा के बर्तन, दही, शुद्ध देशी घी, शहद, गंगाजल, पवित्र जल, पंच रस, इत्र, गंध रोली, मौली जनेऊ, पंच मिष्ठान्न, बिल्वपत्र, धतूरा, भांग, बेर, आम्र मंजरी, मंदार पुष्प, गाय का कच्चा दूध, कपूर, धूप, दीप, रूई, मलयागिरी, चंदन, शिव व मां पार्वती की श्रृंगार सामग्री लें।
सावन सोमवार पूजा विधि