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‘आलोक ने पढ़ाई में हेल्प की, मगर 12 साल के रिश्ते को…’

कानपुर : एसडीएम ज्योति मौर्य पति आलोक से विवाद को लेकर सुर्खियों में हैं। दोनों पक्षों की ओर से तरह-तरह के आरोप लगाए जा रहे हैं। साथ ही सोशल मीडिया पर उनको लेकर लोग कमेंट कर रहे हैं। आलोक कई बार मीडिया के सामने आकर अपना दर्द बयां कर चुके हैं। वहीं, अब ज्योति ने भी अपने रिश्ते को लेकर खुलकर बात की है। मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, एसडीएम ज्योति ने कहा, "विवाद सफाईकर्मी या एसडीएम होने से नहीं है। ये परिवारिक मामला है।उन्होंने (आलोक) झूठ बोलकर शादी की। अब मामला कोर्ट में है। मुझे जो कहना है वहां कहूंगी। ये कोई पहला तलाक नहीं हो रहा है। "
हां उसने पढ़ाई में मदद की
ज्योति ने इस बात को माना कि आलोक ने पढ़ाई में हेल्प की। साथ ही कहा कि इसका मतलब ये नहीं कि आप टॉर्चर करेंगे। सोशल मीडिया पर जो चल रहा है, उससे कोई लेना-देना नहीं है। रिश्ता कितना भी खराब हो जाए, उसे लीगली सुलझाया जाता है। मगर, आलोक ने 12 साल के रिश्ते को पब्लिक्ली तार-तार किया है।

'अश्लील वीडियो बनाए और ब्लैकमेल किया'

ज्योति ने मौर्य प्रयागराज के धूमनगंज थाने में आलोक और उनके परिवार वालों के खिलाफ केस भी दर्ज कराया है। ज्योति और उनके पक्ष के बयान भी दर्ज किए जा चुके हैं। साथ ही ज्योति से इस मामले में और भी साक्ष्य उपलब्ध कराने के लिए कहा है।

दरअसल, ज्योति ने शहर के धूमनगंज थाने में लिखित शिकायत दर्ज कराई है। इसमें कहा है कि पति आलोक और ससुराल वाले फार्च्यूनर की मांग कर रहे थे। ससुराल वाले प्रताड़ित भी करते थे। उन्होंने उनके वॉट्सएप का क्लोन भी बनाया और मोबाइल से अश्लील वीडियो भी बनाए। इसको लेकर ब्लैकमेल करते थे।

'शादी के समय ज्योति टीचर भी नहीं थीं'

उधर, आलोक और ज्योति के विवाद के बीच एक शादी का कार्ड वायरल हुआ है। यह कार्ड ज्योति ने मीडिया के सामने लाकर दिखाया है। इसमें आलोक के नाम के नीचे जिला पंचायत अधिकारी लिखा है। इसको लेकर ज्योति ने कहा कि आलोक ने खुद को अधिकारी बताकर शादी की थी। मगर, सच कुछ और ही था। शादी के इस कार्ड को लेकर आलोक ने कहा कि उसे फंसाने के लिए कार्ड प्रिंट कराया गया है। जब शादी हुई थी, तब ज्योति टीचर भी नहीं थीं. सिर्फ पढ़ाई कर रही थीं। कार्ड पूरी तरीके से झूठा है। पत्नी के पास कोई तथ्य नहीं है तो कार्ड को जरिया बना लिया।

'आज आलोक चीखचीखकर कह रहा है…'

उधर, ज्योति मौर्य के पिता पारसनाथ मौर्य का कहना है, "ज्योति की शादी के वक्त वर आलोक पक्ष से यह जानकारी दी गई थी कि आलोक ग्राम पंचायत अधिकारी है। ऐसा ही शादी के कार्ड में भी छपवाया गया था। मगर, आज आलोक चीख-चीखकर कह रहा है कि वो ग्राम पंचायत अधिकारी नहीं, बल्कि चतुर्थ श्रेणी का कर्मचारी है, सफाईकर्मी है। ये लोग बड़े धोखेबाज निकले हैं। "

उन्होंने आगे कहा, "'जब शादी ही झूठ की बुनियाद पर खड़ी हो तो क्या ऐसे व्यक्ति के साथ रिश्ता निभाया जा सकता है?" शादी के कार्ड पर आलोक के बड़े भाई अशोक को अध्यापक दिखाया गया है, जबकि वो भी सफाईकर्मी है। सफाईकर्मी होना विवाद की जड़ नहीं है। जड़ ये है कि इन लोगों ने झूठ क्यों बोला? इतना बड़ा धोखा क्यों दिया?

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