तीसरे मंगला गौरी व्रत वाले दिन सूर्योदय से पहले जाग कर स्नानादि करें और स्वच्छ वस्त्र धारण करें। फिर एक साफ लकड़ी की चौकी पर लाल रंग का वस्त्र बिछाकर उसपर मां पार्वती की प्रतिमा या तस्वीर स्थापित करें। इसके बाद व्रत का संकल्प करें और आटे से बना हुआ दीपक प्रज्वलित करें। धूप, नैवेद्य फल-फूल आदि से मां गौरी की पूजा करें। आप पूजा में जो भी सामग्री जैसे सुहाग का सामान, फल, फूल, माला, मिठाई आदि जितनी भी चीजें अर्पित कर रही हैं, उनकी संख्या 16 होनी चाहिए। वहीं पूजा समाप्त होने के बाद मां गौरी की आरती करें और उनसे अखंड सौभाग्य के लिए प्रार्थना करें।मंगला गौरी व्रत का महत्व
ये व्रत पति की लंबी आयु के लिए रखा जाता है। कहा जाता है कि मंगला गौरी व्रत में विधि पूर्वक मां गौरी की पूजा करने से अखंड सौभाग्य का आशीर्वाद प्राप्त होता है और दांपत्य जीवन में अथाह प्रेम बना रहता है। यदि आप संतान प्राप्ति की कामना रखती हैं तो आपके लिए ये व्रत बहुत शुभ फलदायी रहता है। इसके अलावा यदि किसी के दांपत्य जीवन में समस्याएं बनी हुई हैं, तो उन्हें मंगला गौरी व्रत करना चाहिए। ऐसा करने से दांपत्य जीवन का कलह-कष्ट व अन्य सभी समस्याएं दूर होती हैं।