बेंगलुरु : बेंगलुरु में एक 19 साल के बीटेक के छात्र ने सुसाइड कर लिया जिसके बाद सोशल मीडिया पर हंगामा मच गया है। आदित्य प्रभु नाम के इस छात्र ने अपने कॉलेज कैंपस की 8वीं मंजिल से कूदकर आत्महत्या कर ली। उसके सुसाइड की वजह जानकर लोग हैरान रह गए हैं। सोशल मीडिया पर लोगों का गुस्सा फूट पड़ा है और वे कॉलेज पर 'उत्पीड़न' का आरोप लगा रहे हैं।
बीटेक के छात्र ने किया सुसाइड
मृतक के पिता गणेश प्रभु ने अपने बेटे की मौत के लिए कॉलेज प्रशासन को जिम्मेदार ठहराया है। उन्होंने पुलिस शिकायत दर्ज कराई है। उन्होंने आरोप लगाया कि 'कॉलेज ने उनके बेटे को इतना परेशान किया कि उसने अपनी जिंदगी ही खत्म कर ली'। इस घटना के सामने आने के बाद सोशल मीडिया पर भी लोगों का आक्रोश देखने को मिल रहा है। आदित्य की मौत के बाद इंटरनेट पर कई पोस्ट सामने आए हैं जिसमें दिवंगत छात्र को कॉलेज अधिकारियों और सीनियर-मेंटर के हाथों कथित तौर पर उत्पीड़न का सामना करने की बातें कही गई हैं।
परीक्षा में चीटिंग का लगा था आरोप
छात्र ने कथित तौर पर परीक्षा में मोबाइल फोन पकड़े जाने के बाद आत्महत्या की है। शिकायतकर्ता ने आरोप लगाया कि "आदित्य प्रभु बिना जानकारी के अपने बैग में मोबाइल ले गया था जो एयरप्लेन मोड पर था। उसपर परीक्षा में चीटिंग का आरोप लगा और उसे क्लास से बाहर कर दिया गया। साथ ही, उसका फोन और सामान भी जब्त कर लिया। उसके साथ उत्पीड़न किया गया। उससे ये तक कहा गया कि ऐसी चीजें करने से अच्छा है कि वह मर जाए"।
न्याय की गुहार लगा रहा परिवार
मृतक के दुखी माता-पिता का कहना है कि 'उन्होंने अपने बेटे की भलाई को लेकर लगातार कॉलेज अधिकारियों के सामने चिंता जताई थी लेकिन उनकी किसी ने ना सुनी'। अब वे अपने बेटे की दुखद आत्महत्या के लिए कॉलेज अधिकारियों को जिम्मेदार मानते हैं। आदित्य के माता-पिता अब न्याय की गुहार लगा रहे हैं।
एक यूजर ने आदित्य प्रभु की मां की बात को इंस्टाग्राम पर पोस्ट किया है। "मैं आदित्य प्रभु की मां हूं। वह पीईएस कॉलेज, आरआर रोड परिसर का छात्र (19 वर्ष), सीएसई प्रथम वर्ष का छात्र था। 17 जुलाई को आदित्य ने कैंपस की एक बिल्डिंग की 8वीं मंजिल से कूदकर आत्महत्या कर ली। कॉलेज ने मीडिया को बताया कि परीक्षा के दौरान आदित्य को नकल करते हुए पकड़ा गया है। उसे हिरासत में लिया गया। उसकी काउंसलिंग की गई और जब उसे बताया गया कि माता-पिता को सूचित किया जाएगा, तो उसने इमारत से छलांग लगा दी। मैं यहां कहानी का अपना पक्ष बताना चाहता हूं।" इंस्टाग्राम पोस्ट में आदित्य की मां के हवाले से आगे लिखा गया-"मुझे 17 जुलाई को सुबह 11:45 बजे आदित्य का फोन आया। उसने मुझे बताया कि वह फोन को अपने बैग में वापस रखना भूल गया और फोन उसकी पैंट की जेब में ही रह गया…आदित्य ने यह भी बताया कि वे उसे परेशान कर रहे हैं। उसने कहा कि ऐसी चीजें करने से मर जाना बेहतर है और मुझे कॉलेज आने के लिए कहा।"
पोस्ट में आगे लिखा है कि मृतक की मां पर एक बयान पर हस्ताक्षर करने के लिए दबाव डाला गया था। यूजर ने लिखा कि बयान शायद यह कुछ ऐसा था, जो इस मामले को रफा-दफा कर देता।आदित्य को न्याय दिलाने के लिए सोशल मीडिया पर Justiceforadityaprabhu कैम्पेन छेड़ा गया है। इस अकाउंट के करीब 10,000 फॉलोअर्स थे। इसी तरह के मैसेज माइक्रो-ब्लॉगिंग साइट ट्विटर पर भी शेयर किए गए थे। आदित्य मंगलुरु का मूल निवासी था और बन्नेरघट्टा रोड के पास रहता था।