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पहली बार : न्यूटाउन में ब्लॉकचेन सिस्टम से किया जायेगा जमीनों का लेन-देन

 एनकेडीए ने की पार्टनरशिप
म्यूटेशन से लेकर बिक्री तक समूची प्रक्रिया का रहेगा रिकॉर्ड
सन्मार्ग संवाददाता
कोलकाता : न्यूटाउन में अब ब्लॉकचेन सिस्टम से जमीनों के म्यूटेशन किये जायेंगे। इसके लिये एनकेडीए (न्यूटाउन-कोलकाता डेवलपमेंट अथॉरिटी) ने एक वेब3 मिडलवेयर सैस प्लेटफॉर्म एयरचेन्स के साथ पार्टनर​शिप की है। इसके द्वारा ब्लॉकचेन के माध्यम से जमीनों का मालिकाना और म्यूटेशन किया जायेगा। म्यूटेशन से लेकर बिक्री तक, जमीन से जुड़े सभी तरह के लेन-देन ब्लॉकचेन पद्धति से किये जायेंगे। इसके लिये लगभग 5,00,000 नॉन फंगिबल टोकेन्स (एनएफटी) तैयार किये जायेंगे जो यूनिक एनएफटी होंगे। ये एनएफटी जमीन मालिकों और एनकेडीए के पास रहेंगे जिसमें जमीन से जुड़ी पूरी जानकारी रहेगी।
27 हजार एकड़ जमीन पर होगी पूरी प्रक्रिया
जानकारी के अनुसार, पहले एनकेडीए के पास जमीनों से जुड़े लेन-देन का रिकॉर्ड नहीं रहता था जिस कारण काफी समस्या होती थी। हालांकि अब सभी तरह के लेन-देन का रिकॉर्ड एनकेडीए के पास रहेगा। बताया गया कि एनकेडीए के तहत आने वाली 27,000 एकड़ जमीन पर पूरी प्रक्रिया होगी यानी ब्लॉकचेन सिस्टम से लेन-देन किया जायेगा।
यह होंगी सुविधाएं
ब्लॉकचेन सिस्टम से जमीनों से जुड़ा लेन-देन करने पर पारंपरिक नौकरशाही के बजाय पारदर्शिता, योग्यता और सटीक डिजिटल सिस्टम लागू होगा। ब्लॉकचेन मॉडल आंशिक संपत्ति स्वामित्व की सुविधा भी देता है, जिससे 10 लाख नए म्यूटेशन के अवसर खुलते हैं। इससे रियल इस्टेट ट्रांजैक्शन को नयी परिभाषा मिलेगी और धोखाधड़ी की संभावना भी कम होगी। जमीन के संबंधित मालिकाने का हर समय रिकॉर्ड एनकेडीए के पास रहेगा। संबंधित एनएफटी के ट्रांसफर के साथ ही आसानी से मालिकाने का ट्रांसफर भी किया जा सकेगा जिससे जटिल कागजी कार्रवाई नहीं करनी होगी। यह अलग-अलग एनएफटी के रूप में रिकॉर्ड के प्रमाण के डिजिटलीकरण को सक्षम करेगा, स्थानांतरण के मामलों में एनएफटी रिकॉर्ड को अपडेशन करेगा, नुकसान के मामले में रिकॉर्ड की वसूली करेगा और म्यूटेशन चार्ज की चोरी को रोकेगा। कार्ड फॉर्मेट में एनएफटी का प्रिंटआउट लेकर लोग इसकी फिजिकल कॉपी रख सकते हैं।
वित्तीय प्रणाली में आयेगी पारदर्शिता : देवाशिष सेन
एनकेडीए के चेयरमैन देवाशिष सेन ने कहा, 'न्यूटाउन में सभी जमीनों का विवरण हिडको के पास होता है। हालांकि इस पहल से लैंड मार्केट को काफी लाभ होगा और वित्तीय प्रणाली में भी अधिक पारदर्शिता आयेगी। हमारा उद्देश्य जमीन की खरीद-बिक्री काे स्ट्रीमलाइन करना और इस तरह के लेन-देन में आ रही बाधाओं का हल करना है। इसके लिये एनएफटी ही सही समाधान है क्योंकि इससे संपत्तियों के फिजिकल टोकनाइजेशन के साथ ही पूरी प्रक्रिया सरल होगी।'
बंगाल में पहली बार जमीन के लिये पार्टनर​शिप : एयरचेन्स
एयरचेन्स के को-फाउंडर और सीईओ अंकुर राखी सिन्हा ने सन्मार्ग से कहा, 'ब्लॉकचेन रिवोल्यूशन का हिस्सा बनकर हम काफी खुश हैं जो धीरे-धीरे ट्रे​डिशनल सेक्टर्स की जगह ले रहा है। लैंड म्यूटेशन का एनएफटी मॉडल एक रियल वर्ल्ड सोल्यूशन है जाे अडेप्टेबल, स्केलेबल होने के साथ ही जटिल प्रक्रिया को भी आसान कर देता है। यूं तो ब्लॉकचेन का इस्तेमाल विभिन्न क्षेत्रों जैसे कि बैंकिंग, शिक्षा आदि में किया जाता है, लेकिन पश्चिम बंगाल में पहली बार इसका इस्तेमाल जमीन से जुड़े लेन-देन के लिये किया जायेगा।'
पैर पसार रही है ब्लॉकचेन टेक्नोलॉजी
ब्लॉकचेन टेक्नोलॉजी के बनाने की मेन वजह किसी भी रिकॉर्ड को पारदर्शी तरीके से यूजर्स को उपलब्ध कराना है। मतलब अगर आप कोई लेनदेन करते हैं, तो उसमें किसी तरह का फ्रॉड न हो। इसके लिए सारे लेनदेन को डिसेंट्रलाइज्ड तरीके से एनक्रिप्टेड किया जाता है। उदाहरण के तौर पर अगर सेंट्रल डेटाबेस में कोई छेड़छाड़ होती है, तो इसका असर लेनदेन में शामिल दोनों पार्टियों पर होगा। यही वजह है कि ब्लॉकचेन टेक्नोलॉजी का इजाद हुआ, जो पूरी तरह से डिसेंट्रलाइज्ड है और उससे किसी तरह की छेड़छाड़ नहीं की जा सकती है। इस लेनदेन का हर एक रिकॉर्ड रखा जाता है।

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