दोहा : विश्व ब्लिट्ज खिताब बरकरार रखने वाले शतरंज स्टार मैग्नस कार्लसन ने कहा कि वह काफी कठिन टूर्नामेंट था और वह खुशकिस्मत रहे कि शुरूआती दौर के खराब प्रदर्शन से उबरकर नौवीं बार खिताब जीत सके। कार्लसन ने अपना चिर परिचित खेल दिखाते हुए उजबेकिस्तान के ग्रैंडमास्टर नोदिरबेक अब्दुसत्तोरोव को 2.5-1.5 से हराकर खिताब जीता। भारतीय ग्रैंडमास्टर अर्जुन एरिगेसी को सेमीफाइनल में हारने के बाद कांस्य पदक से संतोष करना पड़ा। वह विश्व ब्लिट्ज में पदक जीतने वाले विश्वनाथन आनंद के बाद दूसरे भारतीय पुरुष खिलाड़ी हैं। रैपिड और ब्लिट्ज दोनों स्वर्ण जीतने वाले कार्लसन ने फिडे से कहा, ‘यह काफी कठिन टूर्नामेंट था और इसमें कोई भी जीत सकता था।
लेकिन नॉकआउट में पहुंचने के बाद मैने अपने खेल का पूरा मजा लेकर खेला और इसका फायदा भी मिला।’ कार्लसन ने फाइनल में उजबेकिस्तान के ग्रैंडमास्टर अब्दुसत्तोरोव के खिलाफ ड्रॉ पर सहमति जताने से इनकार कर दिया और चौथे गेम में शानदार प्रदर्शन करके जीत दर्ज की। अब्दुसत्तोरोव के खिलाफ 19वें दौर में ड्रॉ के बाद कार्लसन और इस उजबेक खिलाड़ी ने सेमीफाइनल में आखिरी दो स्थान हासिल किये। शीर्ष पर काबिज एरिगेसी और दूसरे स्थान पर रहे अमेरिका के फेबियानो कारूआना अंतिम चार में पहुंच चुके थे। कार्लसन ने कारूआना को 3-1 से हराकर फाइनल में जगह बनाई जबकि अब्दुसत्तोरोव ने एरिगेसी को मात दी।
एरिगेसी ने कार्लसन और अब्दुसत्तोरोव जैसे धुरंधरों को हराकर पहला स्थान हासिल किया था । वह चार जीत और दो ड्रॉ के बाद शीर्ष पर रहकर सेमीफाइनल में पहुंचे थे। अब्दुसत्तोरोव को वह सोमवार को हरा चुके थे लेकिन सेमीफाइनल में वह उस लय को कायम नहीं रख सके और 47 चालों के बाद 0-1 से पीछे थे। दूसरा गेम 83 चालों में खत्म हुआ और तीसरा गेम ड्रॉ रखकर अब्दुसत्तोरोव ने फाइनल में जगह बनाई। महिला वर्ग में कजाकिस्तान की बिबिसारा असायुबायेवा ने यूक्रेन की अन्ना मुजिचुक को हराकर तीसरा विश्व ब्लिट्ज खिताब जीता और कैंडिडेट्स 2026 के लिये क्वालीफाई भी कर लिया।