चंडीगढ़ : पहलवान से राजनेता बनी विनेश फोगाट ने हरियाणा सरकार द्वारा हाल में ओलंपिक रजत पदक विजेता के बराबर मिलने वाले लाभ के लिए पेश किए गए विकल्पों में से नकद पुरस्कार को चुना है। फोगाट (30 वर्ष) को 50 किग्रा वर्ग में स्वर्ण पदक मुकाबले से पहले अधिक वजन होने के कारण 2024 पेरिस ओलंपिक से अयोग्य घोषित कर दिया गया था। तीन बार की ओलंपियन ने भारतीय कुश्ती महासंघ (डब्ल्यूएफआई) के पूर्व प्रमुख बृज भूषण सिंह के खिलाफ विरोध प्रदर्शन का नेतृत्व किया।
उन्होंने पिछले साल कांग्रेस के टिकट पर जींद जिले के जुलाना से हरियाणा विधानसभा चुनाव में सफलता हासिल की। हाल में हरियाणा सरकार ने अपनी खेल नीति के तहत फोगाट को तीन विकल्प दिए थे और आधिकारिक सूत्रों ने गुरुवार को कहा कि उन्होंने चार करोड़ रुपये का नकद पुरस्कार चुना। फोगाट ने अपने फैसले की जानकारी देने के लिए मंगलवार को राज्य के खेल विभाग को एक पत्र सौंपा।
मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी ने पिछले महीने घोषणा की थी कि हरियाणा मंत्रिमंडल ने राज्य की खेल नीति के तहत फोगाट को ओलंपिक रजत पदक विजेता के बराबर लाभ देने का फैसला किया है। राज्य की खेल नीति तीन तरह के लाभ प्रदान करती है जिसमें चार करोड़ रुपये का नकद पुरस्कार या ग्रुप ‘ए’ के अंतर्गत उत्कृष्ट खिलाड़ी (ओएसपी) की नौकरी या हरियाणा शहरी विकास प्राधिकरण (एचएसवीपी) का प्लॉट दिया जाना शामिल है।