टोक्यो : गत चैंपियन नीरज चोपड़ा का सामना विश्व चैंपियनशिप फाइनल में ओलंपिक स्वर्ण पदक विजेता पाकिस्तान के अरशद नदीम से होगा चूंकि दोनों ने बुधवार को क्वालीफिकेशन दौर में अलग अलग अंदाज में फाइनल के लिये क्वालीफाई कर लिया। चोपड़ा ने ग्रुप ए में पहले ही थ्रो में 84.50 मीटर का क्वालीफिकेशन मार्क पार किया जबकि नदीम ने ग्रुप बी में तीसरे और आखिरी प्रयास में 85.28 मीटर थ्रो फ्रेंका। भारत के सचिन यादव ने भी फाइनल में जगह बना ली है जिन्होंने 83.67 मीटर का थ्रो फेंककर ग्रुप ए में छठा और कुल दसवां स्थान हासिल किया। भारत के रोहित यादव और यशवीर सिंह ग्रुप ए और ग्रुप बी को मिलाकर 37 प्रतियोगियों में क्रमश: 28वें और 30वें स्थान पर रहकर बाहर हो गए। चोपड़ा ग्रुप ए में सबसे पहले थ्रो फेंकने के लिये उतरे थे और फाइनल में जगह बनाने के साथ ही रवाना भी हो गए।
स्वत: क्वालीफिकेशन का 84.50 मीटर का आंकड़ा छूने वाले या सर्वश्रेष्ठ 12 खिलाड़ियों ने गुरुवार को होने वाले फाइनल में जगह बनाई। जर्मनी के जूलियर वेबर ने भी 87.21 मीटर के थ्रो के साथ क्वालीफाई कर लिया। पेरिस ओलंपिक 2024 के बाद चोपड़ा का सामना पहली बार नदीम से होगा। नदीम ने पेरिस ओलंपिक में 92.97 का थ्रो फेंककर स्वर्ण जीता था जबकि टोक्यो ओलंपिक चैंपियन चोपड़ा 89.45 मीटर के साथ दूसरे स्थान पर रहे थे। नदीम ने इस साल सिर्फ एक टूर्नामेंट खेला और मई में कोरिया में हुई एशियाई चैंपियनशिप में उन्होंने स्वर्ण पदक जीता था। जुलाई में उनका घुटने का आपरेशन हुआ था। बुडापेस्ट में पिछली विश्व चैंपियनशिप में नीरज ने 88.17 मीटर के थ्रो के साथ स्वर्ण जीता था जबकि नदीम दूसरे और वालेश तीसरे स्थान पर रहे थे।
भारत के किशोर जेना पांचवें और डी पी मनु छठे स्थान पर रहे थे। चोपड़ा क्वालीफिकेशन दौर में 84.85 मीटर के थ्रो के साथ ग्रुप में तीसरे और कुल छठे स्थान पर रहे। दूसरी ओर नदीम ने 76.99 मीटर के साथ शुरूआत की और दूसरा थ्रो 74.17 मीटर का फेंका। ऐसा लग रहा था कि वह फाइनल के लिये क्वालीफाई नहीं कर पायेंगे लेकिन तीसरा और आखिरी प्रयास 85.28 मीटर का रहा। वह पांचवें स्थान पर रहकर फाइनल में पहुंचे। पीटर्स 89.53 मीटर का थ्रो फेंककर क्वालीफिकेशन में शीर्ष रहे। पोलैंड के डेविड वेगनेर ने 85.67 मीटर का थ्रो फेंका। कीनिया के जूलियस येगो ने 85.96 मीटर का थ्रो फेंककर तीसरा स्थान हासिल किया।
ग्रुप बी से अमेरिका के कुर्टिस थॉम्पसन 84.72 मीटर का थ्रो फेंककर स्वत: क्वालीफिकेशन मार्क को छूकर फाइनल में पहुंचे। चोपड़ा की नजरें विश्व चैंपियनशिप स्वर्ण पदक बरकरार रखने वाले तीसरे पुरुष भालाफेंक खिलाड़ी बनने पर लगी होंगी। चोपड़ा के मौजूदा कोच चेक गणराज्य के जान जेलेज्नी (1993 और 1995) और पीटर्स (2019 और 2022) ही यह कमाल कर चुके हैं। बाकी भारतीयों ने निराश किया। वहीं विश्व चैंपियनशिप में 200 मीटर के लिये क्वालीफाई करने वाले पहले भारतीय अनिमेष कुजूर अपनी हीट में 20.77 सेकेंड का समय निकालकर नौवे और आखिरी स्थान पर रहे। उनका राष्ट्रीय रिकॉर्ड 20.32 सेकेंड का है। पुरुषों की त्रिकूद में अब्दुल्ला अबूबाकर और राष्ट्रीय रिकॉर्डधारी प्रवीण चित्रावेल फाइनल में नहीं पहुंच सके और। अबूबाकर क्वालीफिकेशन दौर में ग्रुप ए में दसवें और चित्रावेल ग्रुप बी में आठवें स्थान पर रहे।