नयी दिल्ली : यह सत्र भले ही चुनौतीपूर्ण रहा हो लेकिन नीरज चोपड़ा को इस पर गर्व है और अगले साल बेहतर वापसी के लिए तैयार होने भारत के यह भाला फेंक स्टार स्विट्जरलैंड लौट गए हैं जहाँ उन्होंने खेल में अपने शानदार सफर के कई यादगार पल बिताये हैं। ज्यूरिख से नीरज ने अगले सत्र से उम्मीदों, स्विटजरलैंड से प्यार और घूमने फिरने के शौक के बारे में बताया। उन्होंने कहा, ‘यह काफी चुनौतीपूर्ण सत्र रहा। मुझे इस पर गर्व है और मुझे बहुत कुछ सीखने को मिला। हर प्रतिस्पर्धा से मेरा अनुभव और आत्मविश्वास बढा है।’
हरियाणा के इस धुरंधर ने इस साल दोहा में 90 मीटर की बाधा पार की लेकिन विश्व चैंपियनशिप में पदक नहीं जीत सके। टोक्यो ओलंपिक में स्वर्ण और पेरिस में रजत पदक जीतने वाले नीरज ने कहा, ‘बेहतर प्रदर्शन की गुंजाइश तो रहती ही है और वही प्रेरित भी करती है।’ नीरज विश्व चैंपियनशिप में 84.03 मीटर के सर्वश्रेष्ठ थ्रो के साथ आठवें स्थान पर रहे थे। उन्होंने कहा, ‘अब फोकस रिकवरी और अगले सत्र में मजबूती के साथ वापसी पर है। शरीर अच्छा महसूस कर रहा है और थोड़े आराम और रिकवरी के साथ मैं बेहतर वापसी कर सकूंगा।’
उन्हें जरूरी रिकवरी सत्रों के लिये स्विटजरलैंड की रास आता है। स्विस पहाड़, चारों तरफ हरियाली और इंटरलाकेन से बर्न्स और फिर लुसाने तक की ट्रेन यात्रायें उन्हें बेहद पसंद है।उन्होंने कहा, ‘लुसाने बहुत ही खूबसूरत है और जेरमाट के पहाड़ बहुत लुभाते हैं।’ स्विस पर्यटन ने 2022 में उन्हें ‘दोस्ती दूत’ बनाया और जुंगफ्राउजोच के ‘आइस पैलेस’ में उन्हें सम्मानित भी किया। स्विटजरलैंड के टेनिस दिग्गज रोजर फेडरर और गोल्फर रोरी मैकलरॉय यह सम्मान पा चुके हैं।
नीरज ने कहा, ‘मैंने ज्यूरिख में डायमंड लीग ट्रॉफी (2022 में) जीती, जो मेरे लिए बहुत खास है। मैंने मैग्लिंगन में प्रशिक्षण लिया है, जहाँ स्विस ओलंपिक प्रशिक्षण केंद्र है। मैंने बुडापेस्ट (2023) में विश्व चैंपियनशिप से पहले भी वहीं प्रशिक्षण लिया था, जहाँ मैंने स्वर्ण पदक जीता था। इसलिए मेरी कई सुखद यादें स्विटजरलैंड से जुड़ी हैं।’ उन्होंने कहा, ‘डायमंड लीग ट्रॉफी जीतने के बाद मैने अपने परिवार और दोस्तों के साथ यह देश देखा जो मैं कभी नहीं भूल सकता।
यह वो जगह है जिसने मुझे इतनी खुशियां दी है। मैं यहां काफी लोगों को जानता हूं और अभ्यास करता हूं। मेरे विश्व एथलेटिक्स एजेंट भी स्विस हैं तो स्विटजरलैंड से गहरा नाता है।’ नीरज ने कहा, ‘मैं भारत से बाहर रहता हूं क्योंकि अधिकांश स्पर्धायें विदेश में, खासकर यूरोप में होती है। अगर भारत में रहूंगा तो यात्रा और अभ्यास के साथ बहुत व्यस्त शेड्यूल हो जायेगा। यहां यह सब कर पाना आसान है।’