बेंगलुरू : भारतीय कप्तान हरमनप्रीत कौर को आगामी आईसीसी महिला वनडे विश्व कप से पहले प्रशंसकों की उम्मीदों के बारे में पता है लेकिन वह पहली बार खिताब जीतने के दबाव में आए बिना इस पल का लुत्फ उठाना चाहती हैं। भारत टूर्नामेंट में अपने अभियान की शुरुआत 30 अक्टूबर को गुवाहाटी में श्रीलंका के खिलाफ मैच से करेगा। हरमनप्रीत ने आईसीसी द्वारा आयोजित कप्तानों की संवाददाता सम्मेलन में कहा, ‘मुझे लगता है कि अपने देश की कप्तानी करना किसी भी खिलाड़ी के लिए हमेशा एक खास पल होता है। वनडे विश्व कप में अपने देश की कप्तानी करना और भी खास होता है और उससे भी बढ़कर यह घरेलू विश्व कप है इसलिए यह और भी विशेष है।’
उन्होंने कहा, ‘मेरा मतलब है, यह अविश्वसनीय है। जब मैंने खेलना शुरू किया था तो मैंने कभी सोचा भी नहीं था कि मुझे अपने देश की कप्तानी करने का मौका मिलेगा, यह बस एक सपना ही था।’ उन्होंने कहा, ‘वनडे विश्व कप 12 साल बाद भारत में हो रहा है और मुझे लगता है कि यह हम सभी के लिए बेहद शानदार होने वाला है। हम दबाव लिये बिना इस पल का लुत्फ उठाना चाहते है।’ भारत पांच अक्टूबर को कोलंबो में चिर प्रतिद्वंद्वी पाकिस्तान से भिड़ेगा, लेकिन हरमनप्रीत इस मैच से जुड़ी राजनीतिक बातों की चिंता करने के बजाय क्रिकेट पर ध्यान केंद्रित करना चाहती है। यूएई में चल रहे एशिया में हाल ही में भारत और पाकिस्तान के मुकाबले में कुछ खिलाड़ियों से आक्रमण भाव भंगिमा और बहसबाजी देखने को मिली।
उन्होंने कहा, ‘हम सिर्फ मैदान पर क्रिकेट खेलने को नियंत्रित कर सकते हैं। हम बाकी चीजों के बारे में नहीं सोच रहे है। क्रिकेटर होने के नाते हम सिर्फ उन चीजों पर नियंत्रण रख सकते हैं जो हमारे हाथ में हैं। बाकी चीजों पर मेरा कोई नियंत्रण नहीं है और मैं उन चीजों के बारे में सोचती भी नहीं हूं।’ दबाव की बात करें तो ऑस्ट्रेलिया की कप्तान एलिसा हीली टीम की समृद्ध विरासत को जारी रखना चाहेंगी। गत विजेता ऑस्ट्रेलिया की टीम सात बार चैंपियन रही है। हीली से जब पूछा गया कि क्या यह रिकॉर्ड उनके लिए एक बड़ी मुसीबत है? तो उन्होंने कहा, ‘मुझे नहीं लगता कि किसी भी समय चीजों को लेकर बहुत ज्यादा आत्ममुग्ध होना ऑस्ट्रेलिया की संस्कृति में है। मुझे नहीं लगता कि यह इससे आसान हो सकता है। मुझे लगता है कि भारत को उसके घरेलू मैदान पर हराना वाकई बहुत मुश्किल होगा।’
ऑस्ट्रेलिया ने हाल ही में भारत को उसके घरेलू मैदान पर एकदिवसीय सीरीज में 2-1 से हराकर आईसीसी के इस महाकुंभ के लिए अपनी तैयारियों को मजबूत किया। न्यूजीलैंड की कप्तान सोफी डिवाइन ने कहा कि उनकी टीम के लिए यह अच्छा है कि सब का ध्यान भारत और ऑस्ट्रेलिया पर है। ऐसे में उनकी टीम को बेखौफ क्रिकेट खेलने का मौका मिलेगा। उन्होंने कहा, ‘मुझे नहीं लगता कि बहुत ज्यादा उम्मीदें हैं। मुझे लगता है कि लोगों ने इसका जिक्र किया है और आप इस बारे में बात करते रह सकते हैं कि हमने पिछले साल (टी-20) विश्व कप कैसे जीता था, लेकिन यह बिल्कुल अलग प्रारूप है। हमें पिछले साल दुबई से मिली सीख को अपनाना होगा।’
नैट-साइवर ब्रंट को इंग्लैंड की कप्तान और उनकी मुख्य बल्लेबाज होने की दोहरी जिम्मेदारी निभानी होगी। दायें हाथ की यह बल्लेबाज इस जिम्मेदारी को निभाने के लिए पूरी तरह से तैयार है। उन्होंने कहा, ‘मैंने खेल के विभिन्न पहलुओं को अलग-अलग हिस्सों में बांटना सीख लिया है। मुझे लगता है कि जब आप बल्लेबाज के तौर पर मैदान पर उतरते हैं, तो आप असल में गेंद पर ध्यान केंद्रित करने की कोशिश करते हैं। मैं अपने दिमाग में इससे ज्यादा शोर नहीं चाहता।’ पाकिस्तान (फातिमा सना), श्रीलंका (चामरी अटापट्टू), दक्षिण अफ्रीका (लौरा वोल्वार्ड्ट) और बांग्लादेश (निगार सुल्ताना जोत्ती) की कप्तानों ने ऑनलाइन प्रेस कॉन्फ्रेंस में हिस्सा लिया। अटापट्टू ने कहा कि गुवाहाटी में टूर्नामेंट के पहले मैच में प्रबल दावेदार भारत से भिड़ने से पहले श्रीलंका की टीम किसी दबाव में नहीं है।