जीत के बाद तिरंगा लहराती मनु भाकर 
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हर टूर्नामेंट में पदक हासिल करना संभव नहीं : मनु भाकर

भाकर ने मंगलवार को यहां एक कार्यक्रम में कहा, ‘मैं विश्व चैंपियनशिप में पदक जीतने का लक्ष्य लेकर चल रही थी।

नयी दिल्ली : दो बार की ओलंपिक पदक विजेता मनु भाकर ने ISSF विश्व चैंपियनशिप में अपने उत्कृष्ट प्रदर्शन को बरकरार न रख पाने को झटका करार देते हुए हमवतन खिलाड़ियों के प्रदर्शन की सराहना की। भाकर ने कहा कि वह ‘हर दिन नहीं जीत सकतीं’। हाल ही में संपन्न हुए इस टूर्नामेंट में 13 भारतीय पदक विजेताओं में मनु भाकर का शामिल न होना निशानेबाजी जगत के कई लोगों के लिए थोड़ा आश्चर्य की बात है। भाकर ने मंगलवार को यहां एक कार्यक्रम में कहा, ‘मैं विश्व चैंपियनशिप में पदक जीतने का लक्ष्य लेकर चल रही थी।

मेरा प्रदर्शन अच्छा रहा लेकिन मैं शीर्ष तीन में जगह नहीं बना पाई। मेरी टीम की साथी ईशा सिंह ने पदक जीता। आप खेल में हर दिन जीत नहीं सकते। कभी कभी हार का सामना करना पड़ता है। उन्होंने कहा, ‘मेरे लिए यह जरूरी है कि भारत को पदक जीतना चाहिए और यह मेरे या किसी और के जीतने से जुड़ा नहीं होना चाहिए। जब तक भारत कोई भी पदक जीत रहा है, मैं उसका हौसला बढ़ाते रहूंगी चाहे वह किसी भी खेल में हो।’ तेईस साल की यह पिस्टल निशानेबाज ‘एएसएमआईटीए (महिलाओं को प्रेरित करके खेल जगत में उपलब्धि हासिल करना)’ के सोशल मीडिया हैंडल के लॉन्च पर बोल रही थी।

भाकर ने पेरिस ओलंपिक में शानदार प्रदर्शन किया था लेकिन इस साल कोई खास कमाल नहीं दिखा पाई हैं। इस साल अगस्त में एशियाई निशानेबाजी चैंपियनशिप की महिलाओं की 10 मीटर एयर पिस्टल प्रतियोगिता में कांस्य पदक जीतना उनकी बड़ी उपलब्धियों में से एक है। भाकर ने ‘एएसएमआईटीए’ पहल के बारे में कहा कि यह ग्रामीण क्षेत्रों में महिलाओं के खेल से जुड़ने को लेकर लोगों की सोच को बदलने में मददगार होगा।

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