-
खेल

भविष्य में कोचिंग देने से कोई ऐतराज नहीं : पुजारा

मैं पहले भी कह चुका हूं कि खेल से जुड़ा रहना चाहता हूं।’ पुजारा ने कहा, ‘जिस तरह से भी मैं भारतीय क्रिकेट को योगदान दे सकूं, मुझे खुशी होगी।’

नयी दिल्ली : अपने शानदार कैरियर पर विराम लगाने के बाद भारत के धुरंधर टेस्ट बल्लेबाज चेतेश्वर पुजारा को भविष्य में अपनी दूसरी पारी में कोचिंग या बीसीसीआई के उत्कृष्टता केंद्र पर कोई जिम्मेदारी निभाने से गुरेज नहीं है। क्रिकेट के सभी प्रारूपों से विदा लेने के कुछ दिन बाद एक बातचीत में पुजारा ने भविष्य की अपनी योजनाओं और 103 टेस्ट के अपने सुनहरे कैरियर पर बात की जिसमें उन्होंने 7000 से अधिक रन बनाये। पुजारा ने कहा, ‘मुझे ब्रॉडकास्टिंग के काम में मजा आता है। मैं वह करता रहूंगा। कोचिंग या एनसीए (उत्कृष्टता केंद्र) की जहां तक बात है तो मैं इसके लिये तैयार हूं।’ उन्होंने कहा, ‘मैने इसके बारे में सोचा नहीं है। जब भी मौका मिलेगा, मैं इस पर फैसला लूंगा। मैं पहले भी कह चुका हूं कि खेल से जुड़ा रहना चाहता हूं।’ पुजारा ने कहा, ‘जिस तरह से भी मैं भारतीय क्रिकेट को योगदान दे सकूं, मुझे खुशी होगी।’

उन्होंने यह भी कहा कि खेल से विदा लेते हुए उन्हें किसी तरह का अफसोस या मलाल नहीं है। उन्होंने यह भी कहा कि टेस्ट क्रिकेट अब पारंपरिक तरीके से नहीं खेला जा रहा हालांकि पारंपरिक बल्लेबाजों की प्रासंगिकता बनी हुई है। टेस्ट मैचों में बल्लेबाजी का शास्त्रीय तरीका खत्म हो रहा है और क्या वह इससे दु:खी हैं? यह पूछने पर उन्होंने कहा, ‘मैं दु:खी नहीं हूं। मेरा अभी भी मानना है कि मौजूदा दौर में भी टेस्ट मैच के शास्त्रीय बल्लेबाज प्रासंगिक हैं। लेकिन समय बदल गया है और समय के साथ बदलना लाजमी है ।’ उन्होंने कहा, ‘अगर मुझे किसी युवा खिलाड़ी को कोई सलाह देनी है तो मैं यही कहूंगा कि तीनों प्रारूपों में खेलो क्योंकि आजकल सफेद गेंद का क्रिकेट अधिक हो रहा है।’

उन्होंने कहा कि इसका कारण यह है कि टेस्ट खिलाड़ी भी आईपीएल या वनडे में प्रदर्शन के आधार पर चुने जा रहे हैं। पुजारा ने कहा, ‘जब आप सफेद गेंद के क्रिकेट में अच्छा प्रदर्शन करते हैं तो भारतीय टेस्ट टीम में मौका मिल जाता है। यही वजह है कि उनकी बल्लेबाजी में आक्रामकता होती है।’ उन्होंने हालांकि अभिमन्यु ईश्वरन और करूण नायर के उदाहरण भी दिये जिनका चयन रणजी टीम के प्रदर्शन के आधार पर हुआ। उन्होंने कहा, ‘रणजी ट्रॉफी में अच्छा प्रदर्शन करने वाले खिलाड़ियों के लिये भी गुंजाइश है कि वे टेस्ट टीम में चुने जायें। केएल राहुल इस समय टीम में सर्वश्रेष्ठ टेस्ट बल्लेबाजों में से हैं। वह तकनीक के धनी है और अच्छी बात यह है कि पारी की शुरूआत करते हैं जिससे टीम के लिये अच्छी नींव तैयार होती है।’

SCROLL FOR NEXT