नयी दिल्ली : भारत के भालाफेंक चैंपियन नीरज चोपड़ा ने शुक्रवार को कहा कि पाकिस्तान के भालाफेंक खिलाड़ी अरशद नदीम को बेंगलुरू में अगले महीने होने वाले नीरज चोपड़ा क्लासिक में भाग लेने का न्योता देने पर उन्हें ‘नफरत और अपमान’ झेलना पड़ रहा है हालांकि उन्होंने यह भी कहा कि पहलगाम आतंकवादी हमले के बाद ओलंपिक चैंपियन नदीम का यहां खेलने के सवाल ही पैदा नहीं होता। टोक्यो ओलंपिक में स्वर्ण और पेरिस ओलंपिक में रजत पदक जीतने वाले चोपड़ा ने कहा कि वह यह देखकर दु:खी है कि सोशल मीडिया पोस्ट में उनकी ईमानदारी पर सवाल उठाये जा रहे हैं और उनके परिवार को भी अपशब्द कहे जा रहे हैं। चोपड़ा ने नदीम को 24 मई को बेंगलुरू में होने वाले पहले नीरज चोपड़ा क्लासिक में भाग लेने के लिये बुलाया था।
नदीम ने पेरिस ओलंपिक में चोपड़ा को हराकर स्वर्ण पदक जीता था। नदीम ने मसरूफियत का हवाला देकर न्योता ठुकरा दिया था। चोपड़ा ने सोशल मीडिया पर लंबी पोस्ट में लिखा, ‘नीरज चोपड़ा क्लासिक में भाग लेने के लिये अरशद नदीम को मेरे निमंत्रण पर काफी बातें हो रही है और ज्यादातर घृणा और अपमानजनक है। उन्होंने मेरे परिवार को भी नहीं छोड़ा।’ उन्होंने लिखा, ‘मैं आम तौर पर ज्यादा बोलता नहीं हूं लेकिन इसका यह मतलब नहीं है कि मैं गलत के खिलाफ नहीं बोलूंगा। वह भी तब जब हमारे देश के लिये मेरे प्यार पर सवाल उठाये जा रहे हैं और मेरे परिवार के सम्मान का सवाल है।’ चोपड़ा ने कहा कि निमंत्रण पहलगाम पर आतंकवादी हमले से दो दिन पहले सोमवार को भेजा गया। पहलगाम हमले में 26 लोगों की मौत हो गई जिसमें अधिकांश पर्यटक थे।
चोपड़ा ने कहा, ‘मैने अरशद को जो न्योता भेजा, वह एक खिलाड़ी से दूसरे खिलाड़ी को था। इससे ज्यादा या कम कुछ नहीं। नीरज चोपड़ा क्लासिक का मकसद भारत से सर्वश्रेष्ठ खिलाड़ियों को सामने लाना और हमारे देश में विश्व स्तरीय खेल प्रतियोगिता का आयोजन करना है।’ उन्होंने लिखा, ‘सभी खिलाड़ियों को पहलगाम में आतंकवादी हमले से दो दिन पहले सोमवार को न्योते भेजे गए।’ उन्होंने लिखा कि पिछले दो दिन में जो कुछ हुआ, उसके बाद नदीम के खेलने का सवाल ही नहीं था। उन्होंने लिखा, ‘पिछले 48 घंटे में जो हुआ, उसके बाद एनसी क्लासिक में अरशद के खेलने का सवाल ही नहीं था। मेरे देश और उसके हित हमेशा सर्वोपरि है। मेरी संवेदनायें और प्रार्थनायें उन लोगों के साथ है जिन्होंने अपनों को खोया है।
पूरे देश के साथ मैं भी दु:खी और खफा हूं।’ उन्होंने कहा, ‘मुझे यकीन है कि हमारे देश का जवाब एक राष्ट्र के रूप में हमारी शक्ति दिखा देगा और इंसाफ होगा।’ सेना से जुड़े चोपड़ा ने कहा, ‘मैं इतने साल से गर्व से अपने देश का प्रतिनिधित्व कर रहा हूं और मेरी ईमानदारी पर सवाल उठने से मैं दु:खी हूं। मुझे दु:ख है कि मुझे उन लोगों के सामने सफाई देनी पड़ रही है जो मुझे और मेरे परिवार को अकारण निशाना बना रहे हैं।’ उन्होंने कहा, ‘हम सीधे सादे लोग हैं। हमें और कुछ मत बनाइये। मेरे बारे में मीडिया में मनगढंत बातें कही जा रही है।
सिर्फ इसलिये कि मैं बोलता नहीं हूं, इसके यह मायने नहीं है कि यह सच है।’ चोपड़ा ने कहा कि पेरिस ओलंपिक में स्वर्ण जीतने के बाद नदीम को अपना ही बच्चा बताने वाली उनकी मां के बयान को लेकर कैसे लोगों के मत बदल गए। उन्होंने कहा, ‘मुझे समझ में नहीं आ रहा कि लोगों के सुर कैसे बदल जाते हैं। जब मेरी सीधी सादी मां ने एक साल पहले एक मासूम सा बयान दिया तो हर जगह तारीफ हो रही थी। आज लोग उसी बयान को लेकर उन्हें निशाना बना रहे हैं।’ उन्होंने लिखा, ‘मैं और भी मेहनत करूंगा ताकि दुनिया भारत को याद रखे और इसे सम्मान के भाव से देखे।’