खेल

यशस्वी ने भारत के वनडे तरकश में जोड़ा एक और तीर

मुख्य कोच गौतम गंभीर को यशस्वी जायसवाल पर भरोसा लेकिन कहा उसे धैर्य रखना सीखना होगा।

विशाखापत्तनमः सलामी बल्लेबाज यशस्वी जायसवाल ने दक्षिण अफ्रीका के खिलाफ यहां तीसरे और अंतिम वनडे मैच में संयम और आक्रमण की नई मिसाल पेश करके भारत की एकदिवसीय टीम के तरकश में एक और तीर जोड़ दिया। जायसवाल ने पहले ओवर में ही मार्को यानसन की ऑफ स्टंप के बाहर की गेंद को छोड़कर दिखाया कि वह किसी तरह का बेमतलब का जोखिम उठाना नहीं चाह रहे हैं। जायसवाल ने इस गेंद पर कट करने की कोशिश नहीं की और उसे क्विंटन डी कॉक के पास जाने दिया।

दक्षिण अफ्रीका के खिलाफ तीसरे वनडे में यह एक महत्वपूर्ण क्षण था, जिसमें भारत ने नौ विकेट से जीत हासिल की। यह जायसवाल की बदली हुई मानसिकता का पहला संकेत था। उन्होंने स्पष्ट संकेत दिया कि वह अपने आक्रामक तेवरों पर लगाम लगाए रखेंगे मुख्य सलामी बल्लेबाज तथा टीम के नियमित कप्तान शुभमन गिल के चोटिल होने के कारण उन्हें जो मौका मिला है, उसका पूरा फायदा उठाएंगे।

विशाखापत्तनम में धैर्य का फल जायसवाल को मिला

जायसवाल ने रांची और रायपुर में खेले गए पहले दो वनडे में शुरू से ही गेंदबाजों पर हावी होने की कोशिश की लेकिन इसमें नाकाम रहे और जल्दी आउट हो गए। लेकिन यहां उन्होंने गेंदबाजों पर हावी होने के लिए किसी तरह की जल्दबाजी नहीं दिखाई और धैर्य से काम लिया। ऐसा लग रहा था कि अब उन्हें वनडे क्रिकेट की लय बेहतर समझ आ गई है।

भारतीय टीम के मुख्य कोच गौतम गंभीर ने भी इस पर बात की। गंभीर ने कहा, ‘‘जब आप लाल गेंद वाले क्रिकेट से सफ़ेद गेंद वाले क्रिकेट में आते हैं तो आपको लगता है कि आपको आक्रामक बल्लेबाजी करनी होगी। लेकिन आपको आक्रामक होकर खेलने की जरूरत नहीं है क्योंकि अगर आप वनडे प्रारूप को 30 ओवर और 20 ओवर में बांट दें, तो काम बहुत आसान हो जाएगा।’’

जायसवाल में शतक लगाने की क्षमता

उन्होंने कहा, ‘‘अगर आप वनडे में पहले 30 ओवर धैर्य के साथ खेलते हैं और जायसवाल में जो क्षमता है उसे देखते हुए अगर वह 30 ओवर तक बल्लेबाजी करता है तो वह शतक लगा सकता है। इसके बाद भी आपके पास 20 ओवर बचे होते हैं जिन्हें आप टी20 मैच की तरह खेल सकते हैं।’’ गंभीर ने कहा, ‘‘जायसवाल का वनडे में यह केवल चौथा मैच था और जैसे ही उन्हें समझ आ जाएगा कि वनडे क्रिकेट में उन्हें किस गति से बल्लेबाज़ी करनी है तो वह अपना सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन करने में सफल रहेंगे।’’

जायसवाल के पहले वनडे शतक ने गंभीर के विचार को पुष्ट किया। इस 23 वर्षीय खिलाड़ी ने अपने पहले 50 रन 75 गेंद में बनाए लेकिन अगले 50 रन उन्होंने केवल 35 गेंद में ठोक दिए थे। बाएं हाथ के इस बल्लेबाज ने इस दौरान अपना स्वाभाविक खेल खेला।

जायसवाल को धैया रखना होगा

अगले कुछ महीनों में जायसवाल के लिए धैर्य सबसे बड़ा सहयोगी होगा क्योंकि उन्हें नहीं पता होगा कि वनडे में अगला मैच कब खेलेंगे। कप्तान गिल जनवरी में न्यूज़ीलैंड के खिलाफ होने वाली सीरीज के लिए फिट हैं। उसके बाद भारत जुलाई 2026 में इंग्लैंड के खिलाफ होने वाली सीरीज के दौरान वनडे मैच खेलेगा। गिल और केएल राहुल के चोटिल होने की स्थिति में ही जायसवाल इन मैच में खेल पाएंगे। गिल और संभवतः श्रेयस अय्यर भी अगले महीने न्यूजीलैंड के खिलाफ एकदिवसीय सीरीज के लिए वापसी करेंगे जबकि जायसवाल वर्तमान में राष्ट्रीय टीम की टी20 से जुड़ी योजना में शामिल नहीं हैं। इसलिए उन्हें शायद इंतजार ही करना होगा। लेकिन गंभीर भविष्य में बड़े टूर्नामेंटों के लिए खिलाड़ियों का एक मजबूत पूल बनाने की व्यापक योजना पर विचार कर रहे हैं।

जायसवाल को मौकों का फायदा उठाना होगा

गंभीर ने कहा, ‘‘हम जब भी संभव होगा हम उन्हें मौका देने की कोशिश करेंगे। हमें अब भी खिलाड़ियों का एक पूल तैयार करना है। हम 2027 में होने वाले विश्व कप से पहले लगभग 20 से 25 खिलाड़ियों को तैयार करना चाहते हैं। निश्चित तौर पर जब कप्तान और उप कप्तान की वापसी होगी तो उनको प्राथमिकता दी जाएगी।’’ उन्होंने कहा, ‘‘जायसवाल ने अच्छा प्रदर्शन किया लेकिन महत्वपूर्ण बात यह है कि उन्हें खुद को प्रेरित रखना होगा क्योंकि जब भी उन्हें मौका मिले, उसके लिए तैयार रहना होगा और उसका पूरा फायदा उठाना होगा। हम जानते हैं कि वह कितने बेजोड़ खिलाड़ी हैं और टेस्ट क्रिकेट में उनका प्रदर्शन शानदार रहा है।’’

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