पर्थ : ऑस्ट्रेलिया और इंग्लैंड के बीच शुक्रवार से शुरू हो रही एशेज सीरीज से पहले प्रश्न यह है कि क्या इंग्लैंड ऑस्ट्रेलियाई सरजमीं पर खिताब का सूखा खत्म कर सकेगा। ऑस्ट्रेलिया में पिछले 15 टेस्ट में से इंग्लैंड ने 13 गंवाये और दो ड्रॉ खेले हैं जबकि एक भी जीत नहीं मिल सकी। आखिरी बार 2010-11 में इंग्लैंड ने ऑस्ट्रेलिया को 3-1 से हराया था। अगले सात सप्ताह तक पांच शहरों में चलने वाली एशेज सीरीज से पहले कई बड़े सवाल खड़े हैं।
क्या उम्रदराज और प्रमुख खिलाड़ियों के बिना खेलने जा रही ऑस्ट्रेलियाई टीम अपनी सरजमीं पर 2010-11 से चला आ रहा अपराजेय अभियान बरकरार रख सकेगी। क्या बेन स्टोक्स इंग्लैंड को ऑस्ट्रेलियाई सरजमीं पर लंबे अर्से बाद एशेज दिला सकेंगे। ऑस्ट्रेलियाई कप्तान पैट कमिंस और तेज गेंदबाज जोश हेजलवुड चोटों के कारण पहला टेस्ट नहीं खेल सकेंगे। ऐसे में तेज गेंदबाज मिचेल स्टार्क और आफ स्पिनर नाथन लियोन पर जिम्मेदारी बढ जायेगी ।
ब्रेंडन डोगेट तेज गेंदबाज स्कॉट बोलैंड के साथ टेस्ट क्रिकेट में पदार्पण कर सकते हैं जिससे ऑस्ट्रेलियाई पुरुष टेस्ट एकादश में पहली बार दो देशी खिलाड़ी होंगे। कैमरन ग्रीन हरफनमौला की तरह खेलेंगे। ऑस्ट्रेलिया सलामी बल्लेबाज जैक वेदराल्ड को भी 31 साल की उम्र में टेस्ट क्रिकेट में पदार्पण करने का मौका मिल सकता है। मार्नस लाबुशेन तीसरे और कार्यवाहक कप्तान स्टीव स्मिथ चौथे नंबर पर उतरेंगे। इंग्लैंड के कप्तान स्टोक्स ने कहा, ‘मुझे पता है कि यह कितनी बड़ी सीरीज है।
मैं जनवरी में यहां से रवाना होते समय उन भाग्यशाली कप्तानों में नाम दर्ज कराना चाहता हूं जिन्होंने आस्ट्रेलिया में एशेज सीरीज जीती है। इतिहास के बारे में काफी बातें होती है लेकिन अब हमारे पास अपना इतिहास रचने का मौका है ।’ इंग्लैंड टीम में जोफ्रा आर्चर तेज गेंदबाजी का दारोमदार संभालेंगे जिनका साथ देने के लिये मार्क वुड हैं। स्टोक्स खुद गेंदबाजी करेंगे और तेज गेंदबाज ब्राइडन कार्स तथा गुस एटकिंसन को भी मौका मिल सकता है।