सिलीगुड़ी ः इतिहास में पहली बार भारतीय महिला क्रिकेट टीम द्वारा आइसीसी महिला क्रिकेट विश्वकप-2025 की चैम्पियन बनने की खुशी ताे पूरे भारत में है लेकिन सिलीगुड़ी शहर में इसकी दोहरी खुशी है। क्योंकि, उक्त विश्व विजेता टीम में सिलीगुड़ी की एक बिटिया ऋचा घोष भी शामिल रही। वह सिर्फ शामिल ही नहीं रही बल्कि खिताबी लड़ाई में आवश्यक समय में 24 गेंदों पर 34 रनों की बहुत ही तेज पारी खेल कर उसने टीम को विश्वविजेता बनने में महत्वपूर्ण भूमिका भी निभाई। उस ऐतिहासिक मैच के गवाह ऋचा के माता-पिता स्वप्ना घोष व मानवेंद्र घोष भी बने। अपनी बिटिया की ऐतिहासिक उपलब्धि के गवाह बनने के बाद बुधवार को वे अपने शहर सिलीगुड़ी लौट आए। यहां उनके घर पर उन्हें बधाई देने वालों का तांता लग गया।
ऋचा के माता-पिता ने मीडिया से बातचीत में उन गौरवशाली पलों को साझा किया। ऋचा के बचपन से लेकर अब तक विश्व कप में उसके प्रतिनिधित्व की चर्चा हुई। ऋचा के पिता मानवेंद्र घोष ने कहा कि, 'मैं स्थानीय स्तर पर क्रिकेट खेलता था। मैं खुद ज़्यादा दूर तक नहीं जा पाया लेकिन मेरी बेटी ऋचा ने मेरे अधूरे सपनों को उम्मीद से बढ़ कर पूरा कर दिखाया। ऋचा को शुरू से ही विश्व कप जीतने का पूरा भरोसा था। जब भी मैं कुछ कहना चाहता, वह मुझे टोक देती कि कुछ भी नकारात्मक न कहूं। वह जानती है कि क्या करना है। एक पिता होने के नाते, मैं डरा हुआ था। आज, मैं समझ सकता हूं कि ऋचा वास्तव में मानसिक रूप से कितनी मजबूत है। एक पिता के लिए इससे बड़ी कोई उपलब्धि नहीं हो सकती।'
इधर, मां स्वप्ना घोष ने ऋचा के सिलीगुड़ी लौटने के इंतज़ार में दिन गिनने शुरू कर दिए हैं। उन्होंने कहा कि, संभव है कि अगले शुक्रवार तक ऋचा घर लौट आए। घर लौटने पर वह उसे पसंदीदा फ्राइड राइस, शुगर चिकन और चिली पनीर बनाकर खिलाएंगी। उनकी बेटी को अगले ही दिन शनिवार को ही फिर से वापस कोलकाता लौट जाना हाेगा। शहरवासी भी ऋचा के सिलीगुड़ी आने के दिन गिन रहे हैं ताकि उसका भव्य अभिनंदन किया जा सके।
वहीं, दूसरी ओर, भाजपा की सिलीगुड़ी सांगठनिक जिला कमेटी के उपाध्यक्ष दीपंकर अरोड़ा (मानकि) ने भी ऋचा के मात-पिता से मिल कर उन्हें उपहार भेंट कर उनका अभिनंदन किया। उन्होंने कहा कि पश्चिम बंगाल विधानसभा में विपक्ष के नेता व भाजपा नेता शुभेंदु अधिकारी की ओर से भी उन्होंने विश्वविजेता ऋचा के माता-पिता का अभिनंदन किया है।