सिलीगुड़ी : देशभर में मनाया जा रहा प्राइवेट सिक्योरिटी डे 2025 इस बात पर जोर देता है कि भारत का 1 करोड़ से अधिक प्राइवेट सिक्योरिटी स्टाफ अब सिर्फ गार्ड नहीं, बल्कि राष्ट्रीय सुरक्षा और आपदा तैयारी का महत्वपूर्ण हिस्सा बन चुका है। पश्चिम बंगाल में 5 लाख और कोलकाता में करीब 2 लाख सुरक्षा कर्मी महत्वपूर्ण बुनियादी ढांचे, कॉर्पोरेट दफ्तरों, आवासीय परिसरों और डिजिटल वातावरण की रक्षा कर रहे हैं। आज सुरक्षा का स्वरूप बदल रहा है। फिजिकल सुरक्षा से आगे बढ़कर साइबर खतरे, पहचान धोखाधड़ी, शहरी आपात स्थितियां और जलवायु आधारित आपदाएं नई चुनौतियां बन चुकी हैं।
ऐसे में प्राइवेट सिक्योरिटी कर्मी अब संकट प्रबंधन, निकासी सहायता, महिला सुरक्षा, खतरा पहचान और तकनीकी मॉनिटरिंग जैसे कौशलों में प्रशिक्षित होकर एक कुशल सहायक बल के रूप में सामने आ रहे हैं। कोलकाता में केआरजी और कैपसी ने प्रशिक्षण और सम्मान कार्यक्रम आयोजित किए। कैपसी के महासचिव सतनाम सिंह अहलूवालिया ने कहा कि यह विशाल सुरक्षा बल भारत की सबसे शांत लेकिन सबसे मजबूत सुरक्षा परत है, जिसे राष्ट्रीय तैयारी ढांचे का अभिन्न हिस्सा बनाया जाना चाहिए। प्राइवेट सिक्योरिटी डे 2025 का संदेश स्पष्ट है कि यह क्षेत्र अब सिर्फ रोजगार नहीं, बल्कि भारत की सुरक्षा और आपदा प्रबंधन का एक शक्तिशाली स्तंभ बन चुका है।