Photo of Mithun Sarkar 
सिलीगुड़ी

सिलीगुड़ी के मिथुन को तबला श्रेणी में मिला सीनियर नेशनल स्कॉलरशिप

- 24 वर्ष की आयु में उत्तर बंगाल के पहले कलाकार मिथुन ने तबले की धुन पर देश के दरबार में कराया अपना नाम दर्ज

- ज़रूरतमंद 150 बच्चों को हफ़्ते में चार दिन तबला और नृत्य भी सिखाते मुफ्त

सन्मार्ग संवाददाता

सिलीगुड़ी : उत्तर बंगाल के पहले कलाकार मिथुन सरकार को तबला श्रेणी में सीनियर नेशनल स्कॉलरशिप मिला। मिथुन सरकार का यूं तो सांस्कृतिक जगत से कोई पारिवारिक संबंध नहीं है, फिर भी सिलीगुड़ी के आशीघर नेताजी बाजार निवासी मिथुन सरकार ने तबले की धुन पर देश के दरबार में अपना नाम दर्ज करा दिया है। मात्र 24 वर्ष की आयु में तबला श्रेणी में भारत की सीनियर नेशनल स्कॉलरशिप प्राप्त कर मिथुन उत्तर बंगाल के लोगों के लिए गौरव का स्रोत बन गए हैं।

बताया गया है कि पूरे पश्चिम बंगाल से केवल चार कलाकारों का चयन तबला श्रेणी में इस स्कॉलरशिप के लिए हुआ है, जिनमें सिलीगुड़ी के मिथुन सरकार उत्तर बंगाल के एकमात्र प्रतिनिधि थे। मिथुन को बचपन से ही तबला से गहरा लगाव रहा है। पिछले आठ वर्षों से वे पूज्य गुरु पंडित सुबीर अधिकारी से प्रशिक्षण ले रहे हैं। वे नौ वर्षों से कोलकाता के पंडित संदीप मल्लिक से कथक नृत्य भी सीख रहे हैं। गुरुओं की कड़ी मेहनत और परिवार का निरंतर प्रोत्साहन मिथुन की सबसे बड़ी ताकत है। मिथुन न केवल अपने भविष्य के लिए, बल्कि समाज के लिए भी ज़िम्मेदार हैं। वह फाराबारी स्थित ज़रूरतमंद बच्चों के लिए एक केंद्र में हफ़्ते में चार दिन लगभग 150 बच्चों को तबला और नृत्य सिखाते हैं।

पिछले साल, मिथुन ने सांस्कृतिक संसाधन एवं प्रशिक्षण केंद्र की सीनियर नेशनल स्कॉलरशिप की ऑनलाइन परीक्षा में भाग लिया था। लगभग 300 प्रतियोगियों में से, उन्होंने 13 मिनट के तबला प्रदर्शन से निर्णायकों का दिल जीत लिया। मिथुन ने गुरु की ही रचना पर आधारित तबला 'पेशकार' प्रस्तुत करके निर्णायकों का ध्यान अपनी ओर खींचा। इस स्कॉलरशिप की शर्तों के अनुसार, केंद्र सरकार को हर दो साल और छह महीने में प्रशिक्षण प्रगति रिपोर्ट प्रस्तुत करनी होगी।

इसके अलावा, मिथुन को हर महीने 60 हज़ार रूपए का वित्तीय अनुदान भी मिलेगा। मिथुन ने कहा कि मिथुन का लक्ष्य अपने कलात्मक करियर को और ऊँचे स्तर पर ले जाना और उत्तर बंगाल व देश की सांस्कृतिक विरासत को नई ऊंचाइयों पर पहुंचाना है। गुरु पंडित सुबीर अधिकारी ने कहा कि मिथुन को वरिष्ठ वर्ग में उत्तर बंगाल के प्रथम प्रतिनिधि के रूप में स्कॉलरशिप मिली है। इससे बड़ा गौरव और क्या हो सकता है।

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