sitaram dalmia  
सिलीगुड़ी

हिंदी हाई स्कूल को बदनाम करने की चल रही साजिश : सीताराम

कहा- समाजसेवी अपने स्वार्थ सिद्धि के लिए किसी हद तक जाने को रहते है तैयार

सन्मार्ग संवाददाता

सिलीगुड़ी : सिलीगुड़ी हिंदी हाई स्कूल को इन दिनों कुछ लोग बदनाम कर रहे है। शनिवार सिलीगुड़ी में पत्रकारों से साजिशकर्ताओं और स्कूल के संबंध में विस्तार से जानकारी दी। पत्रकारों से स्कूल प्रबंधन सीताराम डालमिया, मनीष टिबरेवाल, अजय सिंघानिया, किशन अग्रवाल ने सच्चाई की परतों को खोल दिया। डालमिया ने बताया कि सिलीगुड़ी हिन्दी हाई स्कूल एक भाषाई अल्पसंख्यक यानी लिंग्विस्टिक माइनॉरिटी शिक्षण संस्थान है। 1979 से 2004 तक इसको लेकर बड़ी लड़ाई लड़ी।

बैशाखी मेला 2023 और 2024 में जलापाईमोड़ स्तिथ श्री अग्रवाल मण्डल की जगह पर हुआ। 2024 में बैशाखी मेला के लोगों को स्थानीय कुछ लोगों ने काफी तंग किया और उन्होंने उसी समय कहा कि 2025 में अगर सिलीगुड़ी हिन्दी हाई स्कूल के मैदान में अनुमति देंगे तो वे 2025 में बैशाखी मेला हिन्दी हाई स्कूल में लगायेंगे। स्कूल में लगने वाले बैशाखी मेले से आने वाले आय का उपयोग स्कूल प्रबंधन स्कूल के विकास में कर सकता था, लेकिन बच्चों को परेशानी होगी, कहकर स्कूल में मेला नही लगने दिया गया। बैशाखी मेला के लोगों को काफी तंग किया गया। यह घटना निंदनीय है।

संस्था अग्रवाल मंडल जब अग्रसेन भवन के जीर्णोद्धार का काम शुरू हुआ, उस समय इसकी जिम्मेदारी दीपक मानसिंगा और राजकुमार डालमिया को दी गयी। राजकुमार डालमिया के आकस्मिक निधन के बाद इसकी जिम्मेदारी कैलाश नकीपुरिया को दी गयी और उनके नेतृत्व में तृतीय तल्ला का निर्माण पूरा हुआ। इस कार्य में अध्यक्ष सुशील बरेलिया ने एक काफी मोटी रकम देकर सहयोग दिया। और इस बीच कैलाश नकीपुरिया के मन में अध्यक्ष या सचिव बनने का भूत सवार हो गया और वह अग्रसेन भवन के द्वितीय तल्ला का निर्माण अधूरा छोड़ कर चले गए और जलपाईमोड़ की ज़मीन खाली करवाने में लग गए।

उत्तम गोयल के नेतृत्व में रामघाट के सौन्दर्यकरण का कार्य शुरू हुआ और धीरे धीरे कैलाश नकीपुरिया ने यह कार्य अपने हाथ में ले लिया। हर सदस्य से 5 लाख लेकर करीब 100 सदस्य बनाये और आज तक इसका हिसाब नहीं दिया। 2021-23 के बीच कैलाश नकीपुरिया ने गौशाला के अध्यक्ष पद का भार संभाला। उन्होंने अपने कार्यकाल में अपने पद का दुरूपयोग करते हुए अपने परिवार के करीब 40 सदस्य 5100/- में बनवाये और उसके बाद कहा कि अब एक लाख से नीचे कोई भी व्यक्ति गौशाला का सदस्य नहीं बन सकता।


SCROLL FOR NEXT