सिलीगुड़ी

अमरावती साहित्य-सृजन पुरस्कार से पुरस्कृत हुईं डॉ. प्रभा मजुमदार

सन्मार्ग संवाददाता, सिलीगुड़ी ः हिन्दी साहित्य के विकास में महत्वपूर्ण योगदान हेतु रचनात्मक विद्रोह की जीवंत प्रतिरूप डॉ. प्रभा मजुमदार को पूर्वोत्तर भारत की वैचारिक पत्रिका 'आपका तिस्ता-हिमालय' की ओर से ' अमरावती साहित्य-सृजन पुरस्कार ' से पुरस्कृत किया गया है। गुरुंग नगर स्थित 'उत्तर बंग हिन्दी ग्रंथागार ' में बीते रविवार को आयोजित एक समारोह में उन्हें यह पुरस्कार प्रदान किया गया।

समारोह की अध्यक्षता सिक्किम के पूर्व सूचना मंत्री सी.बी. कार्की ने की। मुख्य अतिथि के रूप में डाॅ. तारावती अग्रवाल, विशिष्ट अतिथि गुजरात के अहमदाबाद से आये सुपरिचित साहित्यकार रामकिशोर मेहता, मुंबई परिसंपत्ति तेल एवं प्राकृतिक गैस निगम के मुख्य महाप्रबंधक (यांत्रिकी) दीपक श्रीवास्तव, रेल मंत्रालय के व्रेथवेट एंड कंपनी लिमिटेड के कोलकाता क्षेत्र के एडमिनिस्ट्रेटिव ऑफिसर डाॅ. आदित्य विक्रम सिंह, सिक्किम विश्वविद्यालय के हिन्दी विभाग के सहायक प्राध्यापक डाॅ. प्रदीप त्रिपाठी, सिलीगुड़ी के वरिष्ठ साहित्यकार डाॅ. भीखी प्रसाद वीरेंद्र, अमर बनिया लोहार, ललित श्री, पूर्ण योञ्जन, समाजसेवी चंद्रप्रकाश सिंघल, महेंद्र सिंघल एवं मेयर परिषद के सदस्य रामभजन महतो आदि सम्मिलित हुए।

समारोह में प्रशस्ति पत्र का पाठ आपका तिस्ता-हिमालय की प्रकाशक रंजू सिंह ने किया। वहीं, संपादक आर. पी. सिंह ने अतिथियों का स्वागत किया। अपने संबोधन में डाॅ. प्रभा मजुमदार ने कहा कि, मनुष्यता के पक्ष में उठे नगण्य ही सही, कुछ लोग और समूह, हर दौर में मौजूद रहे हैं और उनकी मौजूदगी एक मशाल के जलते रहने की आश्वस्ति है। अन्य अतिथियों ने अपने संबोधन में आपका तिस्ता-हिमालय की इस पहल की सराहना करते हुए इसे समय की जरूरत बताया। कार्यक्रम के प्रथम सत्र का संचालन करन सिंह जैन तथा दूसरे सत्र का संचालन डाॅ. आदित्य विक्रम सिंह ने किया। साहित्यकार देवेन्द्र नाथ शुक्ल धन्यवाद ज्ञापन किया।

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