सिलीगुड़ी : धन, समृद्धि और स्वास्थ्य की कामना के साथ मनाया जाने वाला धनतेरस पर्व इस बार सिलीगुड़ी शहर में अद्भुत उत्साह और भारी कारोबार के साथ संपन्न हुआ। शनिवार को तड़के से ही बाजारों में रौनक दिखने लगी थी और दिन चढ़ते-चढ़ते शहर के हर कोने में आस्था, उल्लास और खरीदारी का उत्सव नजर आया। सोना, चांदी, तांबा, पीतल, स्टील और अन्य धातुओं के बर्तनों से लेकर पूजन सामग्री, झाड़ू, लक्ष्मी माता के चित्र और स्टिकर, चरण पादुका, फूल और फल तक, हर दुकान पर खरीदारों की भीड़ देखी गई। शहर के प्रमुख बाजार जैसे हिलकार्ट रोड, हाशमी चौक, थानामोड़, महावीरस्थान, सुभाषपल्ली, चंपासारी और नजदीकी क्षेत्रों में भारी भीड़ उमड़ी।
300 करोड़ रुपये से अधिक का कारोबार
सर्राफा व्यापारियों के मुताबिक, इस बार धनतेरस पर शहर में 300 करोड़ रुपये से अधिक का कारोबार हुआ। इनमें सोना-चांदी के गहनों के साथ-साथ तांबा, पीतल, लोहे व स्टील के बर्तन, पूजन के कलश, थालियां, दिए और सजावटी सामानों की बिक्री ने भी रिकॉर्ड तोड़ा।
झाड़ू की मांग ने सभी को चौंका दिया। आम दिनों में 30 से 35 रुपये में बिकने वाला झाड़ू इस दिन 100 रुपये तक बिका। बावजूद इसके श्रद्धालु बड़ी श्रद्धा से झाड़ू खरीदते नजर आए। मान्यता है कि धनतेरस पर झाड़ू खरीदना दरिद्रता को दूर करता है और लक्ष्मी माता को प्रसन्न करता है।
पूजन सामग्री और सजावटी वस्तुओं की दुकानों पर भारी भीड़
लक्ष्मी माता के चित्र, चरण पादुका स्टिकर, रंगोली डिजाइन, पूजा थाली, फूल, अगरबत्ती, कैंडल, दीये, शुद्ध घी, सुपारी, हल्दी-कुंकुम, कपूर, मिठाई आदि की दुकानों पर दिनभर भीड़ लगी रही। दुकानदारों के चेहरे पर रौनक थी, वहीं ग्राहक भी जमकर खरीदारी कर रहे थे।
फल मंडी और फूल बाजार में भी दामों में वृद्धि के बावजूद खरीदारों की भारी भीड़ देखी गई। विशेषकर केले के पत्ते, कमल के फूल, गुलाब और माला की जबरदस्त मांग रही।
ट्रैफिक जाम से जूझा सिलीगुड़ी, पुलिस ने संभाला मोर्चा
दिनभर की इस खरीदारी ने शहर की यातायात व्यवस्था को भी पूरी तरह से प्रभावित कर दिया। सिलीगुड़ी के कई प्रमुख इलाकों स्टेशन फीडर रोड, सेवक रोड, सेवक मोड़, चेक पोस्ट, माटीगाड़ा, एनजेपी, प्रधाननगर और हाशमी चौक पर कई घंटे तक ट्रैफिक जाम की स्थिति रही।
खरीदारी के लिए निकली भारी संख्या में दोपहिया और चारपहिया वाहनों के कारण सड़कों पर लंबी कतारें लग गईं। जाम से निपटने के लिए सिलीगुड़ी ट्रैफिक पुलिस और स्थानीय थानों की पुलिस ने मिलकर मोर्चा संभाला। डीसीपी ट्रैफिक और वरिष्ठ अधिकारियों की निगरानी में अतिरिक्त बल तैनात किया गया था, जिसने स्थिति को काबू में रखने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई।
धनतेरस बना खुशियों का त्योहार
व्यापारियों के चेहरे पर दिनभर मुस्कान बनी रही। एक स्थानीय सर्राफा व्यापारी ने कहा कि सोने व चांदी के दामों में उछाल आया है, बावजूद इसके लोगों ने सोने-चांदी के गहनों की खरीदारी की। बीते कुछ सालों की तुलना में इस बार बिक्री काफी अच्छी रही। लोगों ने आस्था और श्रद्धा के साथ दिल खोलकर खरीदारी की। धनतेरस पर सिलीगुड़ी ने न सिर्फ आर्थिक रूप से मजबूत कारोबार किया, बल्कि धार्मिक और सांस्कृतिक उत्सव का भी बेहतरीन उदाहरण पेश किया। आस्था, व्यापार और व्यवस्था, तीनों ने मिलकर इस पर्व को यादगार बना दिया।