सिलीगुड़ी ः नॉर्थ-ईस्ट फ्रंटियर (एनएफ) रेलवे ने अपने परिसरों से प्लास्टिक प्रदूषण को समाप्त करने और कुछ प्रमुख रेलवे स्टेशनों को प्लास्टिक-मुक्त बनाने के लिए एक विशेष अभियान शुरू किया है। इसकी औपचारिक रूप से शुरुआत गत गुरुवार को एनएफ रेलवे मुख्यालय मालीगांव में आयोजित एक उच्च स्तरीय बैठक द्वारा की गई। यह अभियान विश्व पर्यावरण दिवस-2025 के अभियान का हिस्सा है। उक्त बैठक में एनएफ रेलवे के महाप्रबंधक चेतन कुमार श्रीवास्तव, सभी विभागों और मंडलों के वरिष्ठ अधिकारियों तथा विशिष्ट अतिथि भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान (आईआईटी-गुवाहाटी) के प्रोफेसर विमल कटियार की गरिमामयी उपस्थिति रही।
एनएफ रेलवे के मुख्य जनसंपर्क अधिकारी कपिंजल किशोर शर्मा ने विज्ञप्ति द्वारा बताया कि यह अभियान एनएफ रेलवे द्वारा 22 मई से 05 जून तक चलाए जा रहे विश्व पर्यावरण दिवस-2025 के व्यापक कार्यक्रम का एक हिस्सा है। यह भारतीय रेलवे के स्वच्छ भारत मिशन तथा पर्यावरणीय स्थिरता लक्ष्यों के अनुरूप है। इस पहल का उद्देश्य व्यावहारिक बदलाव लाना, एकल-उपयोग प्लास्टिक को समाप्त करना और स्टेशन परिसरों में टिकाऊ विकल्पों को बढ़ावा देना है। उक्त बैठक के दौरान प्रोफेसर विमल कटियार ने एनएफ रेलवे में प्लास्टिक प्रदूषण समाप्त करने और इसके क्षेत्राधिकार में 5 स्टेशनों को प्लास्टिक-मुक्त बनाने के विषय पर एक प्रभावशाली व्याख्यान दिया। उन्होंने प्लास्टिक कचरे से होने वाले पर्यावरणीय और स्वास्थ्य संबंधी खतरों पर भी प्रकाश डाला और प्रणालीगत एवं व्यावहारिक परिवर्तन की तात्कालिक आवश्यकता पर बल दिया। प्रोफेसर कटारिया ने प्लास्टिक के व्यावहारिक विकल्प प्रस्तुत किए और बताया कि किस प्रकार भारतीय रेलवे टिकाऊ सार्वजनिक अवसंरचना का एक आदर्श मॉडल बन सकता है।
उक्त कार्ययोजना के तहत एनएफ रेलवे जन-जागरूकता अभियान चलाएगा, विक्रेताओं को जागरूक करेगा और राज्य प्राधिकरणों व स्थानीय महिला-नेतृत्व वाले उद्यमों, जैसे कि मुख्यमंत्री महिला उद्यमिता अभियान (एमएमयूए) से समन्वय करेगा। इन साझेदारियों का उद्देश्य वन स्टेशन वन प्रोडक्ट (ओएसओपी) स्टॉलों के माध्यम से जैविक उत्पादों की सतत आपूर्ति श्रृंखला स्थापित करना है। विक्रेताओं को पर्यावरण-अनुकूल पैकेजिंग समाधान अपनाने के लिए प्रेरित किया जाएगा और प्रत्येक स्टेशन पर प्रगति की निगरानी के लिए एक विशेष कार्य बल नियुक्त किया जाएगा। इस मिशन के तकनीकी भागीदार के रूप में आईआईटी गुवाहाटी स्वदेशी मशीनरी की स्थापना में सहयोग करेगा, जो जैविक वस्तुओं के उत्पादन और वितरण में सहायक होगी। ये विकल्प धीरे-धीरे यात्रियों और विक्रेताओं द्वारा उपयोग किए जा रहे प्लास्टिक उत्पादों की जगह लेंगे। इस सहयोग के अंतर्गत स्थानीय स्टार्टअप और निर्माता भी शामिल होंगे, जिससे इस अभियान को विस्तार, सामर्थ्य और दीर्घकालिक स्थिरता प्राप्त हो सकेगी।
एनएफ रेलवे के महाप्रबंधक ने प्रोफेसर कटियार को उनके विचारों के लिए धन्यवाद दिया और एनएफ रेलवे की प्लास्टिक-मुक्त, पर्यावरण-जिम्मेदार रेलवे प्रणाली बनाने की प्रतिबद्धता को दोहराया। उन्होंने सभी हितधारकों, रेलवे कर्मचारियों, विक्रेताओं, यात्रियों और स्थानीय समुदायों से इस हरित परिवर्तन में सक्रिय भागीदारी की अपील की। बैठक का समापन स्पष्ट कार्य बिंदुओं के साथ हुआ, जिनमें नोडल अधिकारियों की नियुक्ति, स्टेशन-विशिष्ट योजनाएं और आईआईटी गुवाहाटी के साथ समझौते की तैयारी शामिल है।