Members of Bangiya Hindu Mahamanch protesting in front of the Municipal Corporation gate 
सिलीगुड़ी

सस्ता बिरयानी खा रहे है तो हो जाए सावधान

खाद्य गुणवत्ता का सवाल उठाते नगर निगम गेट के सामने बंगीय हिंदू महामंच का प्रदर्शन

- लेकटाउन के बाद चंपासारी के बिरयानी की दुकान पर मांस में दिखे अनगिनत कीड़े

सन्मार्ग संवाददाता

सिलीगुड़ी : बिरयानी शहर के सबसे लोकप्रिय व्यंजनों में से एक है। लेकिन अगर उस बिरयानी में कीड़े पाए जाएं तो इससे न सिर्फ स्वाद प्रभावित हो सकता है, बल्कि स्वास्थ्य को भी गंभीर खतरा हो सकता है। हाल ही में सिलीगुड़ी के लेकटाउन की एक बिरयानी की दुकान पर बिरयानी के पैकेट में एक कीड़ा पाया गया था। उस घटना के बाद बुधवार को चंपासारी क्षेत्र में एक अन्य बिरयानी की दुकान पर बिरयानी के मांस में अनगिनत कीड़े पाए गए। दूसरी बार बिरयानी की दुकानों पर कीड़ों वाली बिरयानी परोसने के आरोपों को लेकर पूरे शहर में हंगामा मचा गया।

गुरुवार को बंगीय हिंदू महामंच ने घटना के विरोध में सिलीगुड़ी नगर निगम का घेराव किया। संगठन ने आरोप लगाया कि एक के बाद एक कीड़ों वाली बिरयानी बिकने के बावजूद प्रशासन की ओर से कोई सख्त कार्रवाई नहीं की गई। तो, "क्या मेयर बाबू बिरयानी खाएंगे?" - यह नारा लगाते हुए संगठन के सदस्यों ने गुरुवार को नगर निगम गेट के सामने प्रदर्शन किया। उनके हाथों में बिरयानी के पैकेट भी थे, जिन्हें वे मेयर को सौंपने की योजना बना रहे थे। हालांकि, मेयर के मौजूद न होने के कारण वह गेट के बाहर ही विरोध प्रदर्शन पर बैठ गए। विरोध प्रदर्शन को लेकर माहौल गरमा गया।

सिलीगुड़ी नगर निगम के सामने सड़क पर यातायात बाधित हो गया। स्थिति को संभालने के लिए बड़ी संख्या में पुलिस बल तैनात किया गया। करीब एक घंटे के विरोध प्रदर्शन के बाद पुलिस के हस्तक्षेप से स्थिति पर नियंत्रण पाया जा सका। बंगीय हिंदू महामंच का दावा है कि शहर के आम लोग लगातार बिरयानी खाते हुए जहर का शिकार हो रहे हैं। फिर भी प्रशासन चुप है। मेयर सिर्फ बैठकें कर रहे हैं, कोई कार्रवाई नहीं कर रहे हैं।"

हाजी बिरयानी जैसी दुकानों पर सख्त छापेमारी की जरूरत है।" दूसरी ओर, मेयर गौतम देब ने कहा कि इस संबंध में पहले से ही कदम उठाए जा रहे हैं। विभिन्न स्थानों पर अभियान पहले ही शुरू हो चुके हैं। सभी मुद्दों की जांच की जा रही है। हालांकि, शहरवासियों में चिंता और गुस्सा है। खाद्य गुणवत्ता और स्वास्थ्य सुरक्षा को लेकर प्रशासन की लापरवाही पर एक बार फिर सवालिया निशान खड़े हो गए हैं।

SCROLL FOR NEXT