शिक्षा

बैठक में नहीं बनी बात, शिक्षा मंत्री के नहीं होने पर शिक्षकों ने जतायी नाराजगी

विकास भवन में हुई बैठक में कुल 6 शिक्षकों का प्रतिनिधि मंडल पहुंचा शिक्षकों ने 'योग्य' उम्मीदवारों का एक नया पैनल बनाने का रखा प्रस्ताव शिक्षकों का कहना, हम शारीरिक व मानसिक तौर पर परीक्षा देने के लिए नहीं हैं तैयार

सन्मार्ग संवाददाता

कोलकाता : सोमवार को शिक्षा विभाग के प्रधान सचिव विनोद कुमार और सचिव शुभ्रो चक्रवर्ती के साथ प्रदर्शनकारी शिक्षकों के प्रतिनिधि मंडल की बैठक हुई। हालांकि इस बैठक से शिक्षकों का प्रतिनिधि मंडल काफी ज्यादा संतुष्ट नहीं रहा। उन लोगों का कहना है कि मीटिंग में हम राज्य के शिक्षा मंत्री ब्रात्य बसु के उपस्थित हाेने की उम्मीद लेकर पहुंचे थे, मगर वह मीटिंग में मौजूद नहीं थे, जिससे हमें काफी निराशा हुई। इस बैठक में कुल 6 शिक्षकों का प्रतिनिधि मंडल पहुंचा था, जिसमें वृंदावन घोषराकेश आलमचिन्मय मंडलअपराजित पांडाहबीबुल्लाह और अमित रंजन भुइयां शामिल थे। इस दिन मीटिंग खत्म होने के बाद उन लोगों ने प्रेस कॉन्फ्रेंस के माध्यम से बैठक में की हुई चर्चा के बारे में बताया। बैठक में प्रदर्शनकारियों ने सीबीआई द्वारा बरामद ओएमआर शीट के आधार पर 'योग्य' उम्मीदवारों का एक नया पैनल बनाने का प्रस्ताव रखा।

अदालत हमें न्याय देने में रही विफल, लगाया आरोप

उन्होंने यह भी आरोप लगाया कि अदालत हमें न्याय देने में विफल रही है। शिक्षकों ने कहा कि इस बार आंदोलन केवल बंगाल तक सीमित नहीं रहेगा और इसकी आंच दिल्ली तक महसूस की जाएगी। प्रदर्शनकारियों के प्रतिनिधियों ने सोमवार को दो घंटे तक बैठक की, मगर कोई खास निष्कर्ष नहीं निकला। शिक्षकों ने कहा कि सुप्रीम कोर्ट ने पूरे पैनल को रद्द करते हुए नयी भर्ती प्रक्रिया शुरू करने का आदेश दिया है। हालांकि शिक्षक दोबारा परीक्षा देने को तैयार नहीं हैं। उन लोगों ने कहा कि हम शारीरिक और मानसिक तौर पर परीक्षा देने के लिए तैयार नहीं हैं, कई लोग बीमार हैं, ऐसे में दोबारा परीक्षा देना संभव नहीं है। हमें योग्यता के आधार पर नौकरी मिली है। कई बार दस्तावेजों का सत्यापन हो चुका है। समीक्षा के जरिए हमारी नौकरी पक्की की जाए। शिक्षक ओएमआर शीट का मिरर इमेज प्रकाशित करने की मांग कर रहे हैं।

क्या कहा प्रदर्शनकारियों के प्रतिनिधि ने

प्रदर्शनकारियों के प्रतिनिधि वृंदावन घोष ने बताया कि हमने बैठक में अपने प्रस्ताव प्रस्तुत किये, लेकिन कई सवाल अनुत्तरित रह गये। प्रतिनिधियों ने कहा कि शिक्षकों के पास कई सवाल हैं, जिनका जवाब मुख्यमंत्री और शिक्षा मंत्री दे सकते हैं। हालांकि प्रदर्शनकारियों ने बैठक में अपनी मांगें रखीं। उन्होंने बैठक में यह भी मांग की कि फिलहाल भर्ती अधिसूचना जारी न की जाए। इसके बजाय उन्होंने 'योग्य' के रूप में पहचाने गये लोगों का एक नया पैनल बनाने का प्रस्ताव दिया है।

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