सन्मार्ग संवाददाता
कोलकाता : बेरोजगार शिक्षकों का विकास भवन के सामने गुरुवार से धरना जारी है। शिक्षक की मांग यह है कि उन्हें न्याय दिया जाए और उन्हें नौकरी वापस दी जाए। प्रदर्शनकारी शिक्षकों का प्रदर्शन लगातार जारी है। ऐसे में जहां आमतौर पर शिक्षकों के हाथ में किताबें व कलम देखने को मिलता है, वहीं रविवार को एक अलग ही तस्वीर देखने को मिली। आंदोलनकारी शिक्षकाें को खुद विकास भवन के सामने हाथ में झाड़ू लेकर सड़काें को साफ करते देखा गया। ऐसे में शिक्षकों का कहना है कि ' जब तक आंदोलन जारी है, यह रास्ता ही हमारा घर है। इसलिए घर को साफ रखना हमारी जिम्मेदारी है। यहां तक की प्रदर्शनकारी शिक्षक धरना मंच पर छात्रों के खातों की जांच और मूल्यांकन करते हुइ भी देखे गए। बताया जा रहा है कि रविवार को 'योग्य शिक्षक-शिक्षक अधिकार मंच' के सदस्यों के कार्यक्रम में दृष्टिहीन भी शामिल हुए। उन्होंने कहा कि वे धरना स्थल पर बैठकर नौकरी की मांग को लेकर नारे लगाएंगे। साथ ही हम सड़कों पर बैठकर बच्चों को पढ़ाएंगे और इस तरह से वे अपना विरोध जताएंगे। सुप्रीम कोर्ट के फैसले के अनुसार 25,735 शिक्षक और शिक्षाकर्मी अपनी नौकरी खो चुके हैं। इन सभी ने 2016 की एसएससी भर्ती प्रक्रिया में हिस्सा लिया था। उस पैनल में शामिल दृष्टिहीन और दिव्यांग शिक्षक भी रास्ते पर उतर आए हैं। शनिवार को उन्होंने मंच पर जाकर आंदोलनरत शिक्षकों और शिक्षाकर्मियों को अपना समर्थन देने का आश्वासन दिया।