शिक्षा

SSC भर्ती को लेकर शहर में निकाली गयीं दो रैलियां

प्रगति, सन्मार्ग संवाददाता

कोलकाता : गुरुवार को एक बार फिर नौकरी चाहने वालों की ओर से विभिन्न मांगों को लेकर शहर में दो जगहों पर रैली निकाली गई। एक ओर SSC की परीक्षा में शामिल हुए नए उम्मीदवारों ने सियालदह से धर्मतल्ला तक रैली निकाली तो वहीं दूसरी ओर दृष्टिबाधित नौकरी चाहने वालों ने विकास भवन तक रैली निकाली। उनकी मांग है कि जिन पदों और नौकरियों पर वे काम कर रहे थे, उन्हें वापस किया जाए। वे शिक्षा मंत्री ब्रात्य बसु से मिलना चाहते थे, लेकिन वे उनसे नहीं मिल पाए। ऐसे में आंदोलनकारियों ने विकास भवन के बाहर खड़े होकर अपना गुस्सा जाहिर किया। इस दिन SSC के नए उम्मीदवारों काे एक अलग ढंग से प्रदर्शन करते देखा गया। रैली में शामिल प्रदर्शनकारी हाथों में समोसे और मुड़ी लेकर सड़कों पर उतरे। कुछ के हाथों में चाय की केतली देखने को मिली। उनका आरोप है कि पुराने उम्मीदवारों को सुविधाएं दी गई हैं। इसलिए, वे अपनी सही नौकरी से वंचित हैं। रैली के दौरान उन लोगों ने मांग रखी कि पुराने शिक्षकों को एक्सपीरिएंस के आधार पर दिये जाने वाले 10 अंक को रद्द किया जाए। उनका कहना था कि इतनी पढ़ाई करने के बाद भी उन्हें नौकरी नहीं मिली, ऐसे में वे कहां जाएंगे। लगभग 9 सालों के बाद SSC ने परीक्षा आयोजित की, काफी उम्मीदें थीं, मगर आज स्थिति ऐसी है कि हमें नौकरी के लिए आंदोलन का रास्ता अपनाना पड़ रहा है। इस दौरान कई उम्मीदवार हाथों में तख्तियां लिये रैली में शामिल हुए और न्याय की मांग की।

यह कहा शिक्षा मंत्री ने

सुप्रीम कोर्ट के फैसले के बाद SSC भर्ती प्रोसेस की डेडलाइन 31 दिसंबर से बढ़ाकर 31 अगस्त 2026 कर दी गई है। इसे लेकर राज्य के शिक्षा मंत्री ब्रात्य बसु ने सोशल मीडिया के माध्यम से कहा है कि 'सुप्रीम कोर्ट ने क्लास 9-10 और 11-12 के टीचरों की भर्ती के मामले में अहम फैसला सुनाया है। सुप्रीम कोर्ट ने 31 अगस्त तक भर्ती प्रक्रिया पूरी करने का आदेश दिया है, जो सीएम ममता बनर्जी के सही दिशा में भरोसे का एक शानदार उदाहरण है। इस दौरान शिक्षक पहले की तरह काम कर सकेंगे।' उन्होंने यह भी जिक्र किया है कि जस्टिस संजय कुमार की बेंच के इस आदेश से यह साफ है कि एसएससी ट्रांसपेरेंसी और अकाउंटेबिलिटी के साथ काम कर रहा है।


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