प्रगति, सन्मार्ग संवाददाता
कोलकाता : जादवपुर विश्वविद्यालय (जेयू) में इंटरनल कंप्लेंट्स कमेटी (ICC) का चुनाव अब 2 दिसंबर को होगा। यह चुनाव गुरुवार को प्रस्तावित था, लेकिन विश्वविद्यालय प्रशासन ने इसे टाल दिया। इस निर्णय के बाद परिसर में विवाद गहरा गया है। जेयू की तृणमूल छात्र परिषद (TMCP) चुनाव की तारीख आगे बढ़ाने के बजाय पूरे चुनाव को रद्द करने की मांग कर रही है। इसी मांग को लेकर छात्र परिषद ने गुरुवार दोपहर से भूख हड़ताल का आह्वान किया, जिसके बाद कैंपस में तनाव का माहौल है।
विश्वविद्यालय के कुलपति चिरंजीव भट्टाचार्य ने स्पष्ट किया कि तारीख बदलने का फैसला किसी आंदोलन के दबाव में नहीं लिया गया है। उनके अनुसार चुनाव की आवश्यक तैयारियों के लिए अतिरिक्त समय देने की जरूरत थी, इसलिए तारीख को आगे बढ़ाया गया। उन्होंने कहा कि विश्वविद्यालय पूरी प्रक्रिया को शांतिपूर्ण और सुचारु ढंग से संपन्न करना चाहता है।
दूसरी ओर, TMCP का आरोप है कि प्रशासन वोटिंग प्रक्रिया को सही ढंग से नहीं चला रहा है। छात्र परिषद के नेताओं का कहना है कि चुनाव के लिए जो वोटर लिस्ट जारी की गई थी, वह गलत है और उसमें कई त्रुटियां पाई गई हैं। उनका कहना है कि संशोधित वोटर लिस्ट जारी किए बिना ही नामांकन प्रक्रिया पूरी कर ली गई, जिससे छात्रों के अधिकारों का उल्लंघन हुआ है। TMCP के अनुसार, जब तक नयी, सही और पारदर्शी वोटर लिस्ट जारी नहीं होती, तब तक चुनाव नहीं कराया जाना चाहिए। इसी वजह से वे चुनाव की तारीख को स्थगित करने के बजाय नए सिरे से चुनाव की घोषणा की मांग कर रहे हैं।
छात्र परिषद का दावा है कि विश्वविद्यालय अधिकारियों ने उनकी बातों को नज़रअंदाज़ किया, जिसके बाद छात्रों को भूख हड़ताल का कदम उठाना पड़ा। दूसरी तरफ़ विश्वविद्यालय प्रशासन स्थिति पर नजर रखे हुए है और उम्मीद जता रहा है कि बातचीत के माध्यम से समस्या का समाधान निकलेगा। 2 दिसंबर को होने वाला चुनाव अब दोनों पक्षों की नजर में विश्वविद्यालय की पारदर्शिता और प्रशासनिक जिम्मेदारी की बड़ी परीक्षा माना जा रहा है।