प्रगति, सन्मार्ग संवाददाता
कोलकाता : उच्च माध्यमिक शिक्षा संसद ने 2026 से होने वाले चौथे सेमेस्टर की परीक्षा में आंसर शीट से जुड़े महत्वपूर्ण बदलावों की घोषणा की है। अब परीक्षार्थियों को परीक्षा के दौरान एक्स्ट्रा पेज नहीं दिए जाएंगे। अभी तक छात्रों को 8 पेज की मुख्य आंसर शीट दी जाती थी और जरूरत पड़ने पर सेंटर से अतिरिक्त पन्ने उपलब्ध कराए जाते थे, परंतु अब यह व्यवस्था पूरी तरह बदल दी गई है।
सूत्रों के अनुसार, नई व्यवस्था में प्रत्येक छात्र को शुरुआत में ही 12 पेज की आंसर शीट दी जाएगी, और उसी में पूरा प्रश्नपत्र हल करना होगा। शिक्षा संसद का मानना है कि सेमेस्टर सिस्टम लागू होने के बाद चौथे सेमेस्टर में आने वाले डिस्क्रिप्टिव प्रश्नों के लिए 12 पन्ने पर्याप्त होंगे। जिन विषयों में प्रैक्टिकल शामिल है, उनमें लिखित परीक्षा 35 अंकों की होगी, जबकि बाकी विषयों में लिखित परीक्षा 40 अंकों की निर्धारित है। इस आधार पर संसद का दावा है कि विद्यार्थियों को अधिक पन्नों की आवश्यकता नहीं पड़ेगी।
क्या कहा शिक्षा संसद के अध्यक्ष ने?शिक्षा संसद के अध्यक्ष चिरंजीव भट्टाचार्य ने बताया कि एक्स्ट्रा पेज की व्यवस्था में कई व्यावहारिक समस्याएँ सामने आती थीं। कई बार अतिरिक्त पन्ने ठीक से सील नहीं हो पाते थे, जिससे पेज फटने या गुम होने की आशंका रहती थी। ऐसी स्थिति में उत्तर पुस्तिकाओं का सही मूल्यांकन प्रभावित होता था। मूल्यांकन प्रक्रिया को अधिक पारदर्शी और सुरक्षित बनाने के लिए यह बदलाव किया गया है।
नई व्यवस्था के तहत आने वाली उच्च माध्यमिक चौथे सेमेस्टर की परीक्षाएँ 12 फरवरी से 22 फरवरी के बीच आयोजित की जाएंगी। शिक्षा संसद का कहना है कि यह सुधार परीक्षा प्रणाली को अधिक सुव्यवस्थित, सुरक्षित और त्रुटिरहित बनाएगा। इस निर्णय से छात्रों और परीक्षकों दोनों को लाभ मिलेगा, क्योंकि एक ही आंसर शीट में पूरा उत्तर लिखने से मूल्यांकन में भी स्पष्टता बढ़ेगी।