शिक्षा

ओबीसी आरक्षण को लेकर स्नातक प्रवेश में जटिलताएं, कानूनी उपाय तलाश रहा है राज्य

सन्मार्ग संवाददाता

कोलकाता : राज्य सरकार ने कॉलेजों और विश्वविद्यालयों में ग्रेजुएट स्तर पर दाखिले में ओबीसी आरक्षण को लेकर उत्पन्न समस्याओं को दूर करने के लिए राज्य सरकार ने कानूनी समाधान की तलाश शुरू कर दी हैं। इस संबंध में राज्य के महाधिवक्ता से परामर्श किया जा रहा है। वहीं राज्य के पिछड़ा वर्ग कल्याण एवं विकास विभाग से भी इस समस्या के समाधान के लिए परामर्श मांगा जा रहा है।

विभागों ने मिलकर शुरू किया काम

महाविद्यालयों एवं विश्वविद्यालयों में ग्रेजुएट स्तर पर प्रवेश में किसी प्रकार की कठिनाई न हो तथा वैकल्पिक तरीकों से प्रवेश प्रक्रिया को सुचारु बनाने के लिए उच्च शिक्षा विभाग, पिछड़ा वर्ग कल्याण विभाग और कानून विभाग ने मिलकर काम करना शुरू कर दिया है। इस बीच स्नातक प्रवेश के लिए सामान्य पोर्टल बुधवार से खुलना था हालांकि उच्च शिक्षा विभाग सूत्रों के अनुसार, यह पोर्टल कुछ दिनों में खुल जाएगा। विपक्ष के मुकदमे के मद्देनजर ओबीसी आरक्षण को लेकर जटिलताएं पैदा हुई हैं। जिस प्रकार राज्य सरकार ने इस जटिलता को दूर करने के लिए कदम उठाए हैं, उसी प्रकार राज्य के कुछ विश्वविद्यालय भी अपनी तरफ से कानूनी सलाह ले रहे हैं। उच्च शिक्षा विभाग के एक अधिकारी ने बताया कि पिछड़ा वर्ग कल्याण विभाग के विधि विभाग से भी सलाह ली जा रही है।

जेयू ने प्रवेश प्रक्रियाओं को कर दिया है निलंबित

जेयू ने पहले ही सभी प्रवेश प्रक्रियाओं को निलंबित कर दिया है। यद्यपि जादवपुर में लाइब्रेरी साइंस के लिए प्रवेश तिथि की घोषणा कर दी गयी थी, लेकिन इसे अगली सूचना तक वापस ले लिया गया है। इस बीच, स्कूलों में ग्यारहवीं कक्षा में प्रवेश में आरक्षण को लेकर भी जटिलताएं पैदा हो गई हैं। कुछ विद्यालयों में यह जटिलता उत्पन्न होने पर उच्च माध्यमिक शिक्षा परिषद के 'मौखिक' निर्देशों से कोई विशेष समस्या उत्पन्न नहीं हुई। इस जटिलता के बारे में राज्य के कॉलेज प्राचार्यों के संगठन सारा बांग्ला अध्यापक परिषद के महासचिव मानस काबी ने कहा, "उच्च शिक्षा विभाग तेजी से काम करता है। मुझे उम्मीद है कि वह इस समस्या को हल करने का कोई त्वरित रास्ता अपनाएगा।"

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