सीजनल फल और सब्जियां खानपान
संजीवनी

सीजनल फल और सब्जियां खाना ही फायदेमंद

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बड़े शहरों में हर मौसम में हर सब्जी व फल बाजार में मिल जाते हैं। क्या कभी आप ने सोचा है कि ये बेमौसमी फल, सब्जियां कहां से आप तक पहुंचती है जबकि इनका मौसम नहीं है। इनके सेवन से न तो आपको पूरी पौष्टिकता मिलेगी और न ही स्वाद।

-प्रकृति का अपना समय होता है कि किस मौसम में कौन से फल और सब्जियां होनी चाहिए और वही फल-सब्जियां मौसम में अच्छी लगती हैं। बिन मौसम में उपलब्ध फल और सब्जियों में वह स्वाद नहीं होता।

-बेमौसमी फल सब्जियों को पकाने के लिए केमिकल्स का प्रयोग किया जाता है, फिर उन्हें फ्रीज किया जाता है। उन्हें प्रिजर्व करने के लिए सल्फर गैस का प्रयोग किया जाता है। ये सब कैमिकल्स और सल्फर गैस शरीर को नुकसान पहुंचाते हैं। जैसे तरबूज और खीरा गर्मियों के फल सब्जी हैं, उनका सेवन गर्मियों में ही लाभप्रद है क्योंकि इनमें कई प्रकार के मिनरल्स होते हैं और पानी अधिक जो गर्मियों में शरीर की पानी की कमी को दूर कर शरीर को शीतलता प्रदान करते हैं। इसका लाभ सर्दियों में न होकर गर्मियों में होता है।

- उसी प्रकार तिल, अदरक, लौंग, जायफल सर्दियों में खाने चाहिए क्योंकि इनसे शरीर को गर्मी प्राप्त होती है। यदि इनका सेवन गर्मियों में करेंगे तो शरीर में और गर्मी होगी जो नुकसान पहुंचा सकती है। गर्मियों में तेज मसाले नुकसान पहुंचाते हैं।

- आर्टिफिशियल तरीकों से पकाए गए फल और सब्जियों पर पेस्टीसाइड का प्रयोग भी किया जाता है। इससे फल और सब्जियों की क्वालिटी खराब होती है। वही प्राकृतिक ढंग से उपजी फल सब्जियों की क्वालिटी अधिक अच्छी होती हैं।

-एक नुकसान यह भी होता है बिना मौसमी फल-सब्जियां अधिक महंगी होती हैं जो जेब को भी नुकसान पहुंचाती है और हेल्थ को भी।

-मौसमी फल-सब्जियां बाजार में आसानी से उपलब्ध होती हैं और बेमौसमी फल-सब्जियों के लिए बड़े स्टोर्स में जाना पड़ता है।

-आजकल फ्रोजन खाद्य पदार्थों का चलन बढ़ता जा रहा है। शायद इसलिए लोगों में स्टेमिना भी कम हो रहा है।

सुनीता गाबा(स्वास्थ्य दर्पण)

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