संगीत सुनना किसको अच्छा नहीं लगता। यही संगीत यदि मधुर हो तो हर व्यक्ति के दिल के साथ-साथ उसके पांव भी थिरकने लग जाते हैं। वैसे अपने पांव थिरकाने के लिए केवल मधुर संगीत की आवश्यकता नहीं है। कभी-कभी व्यक्ति जब बहुत प्रसन्न होता है तो उसके पांव बगैर संगीत के भी उठ जाते हैं और क्यों न हो, नृत्य अपने आप में इतना विशिष्ट होता है कि वह केवल संगीत पर आश्रित नहीं होता। उसमें व्यक्ति के मन के भाव उभर कर सामने आते हैं।
नृत्य तो बहुत लोग करते हैं लेकिन नृत्य करने के क्या फायदे होते हैं, यह बहुत कम लोग ही जानते हैं। आज हम आपको नृत्य करने के पांच फायदे बताने जा रहे हैं जो इस प्रकार हैं-
1. अपने भाव व्यक्त करना
अगर आप शर्मीले हैं तो केवल नृत्य ही है जो आपके शर्मीलेपन को दूर कर सकता है। नृत्य से आप अपने भावों को दूसरों के सामने ला सकते हैं। सरलता से अपनी बातें दूसरों से कहने का सबसे अच्छा तरीका नृत्य ही है।
2. खुद को फिट रखें
नृत्य का दूसरा तथा सबसे बढि़या फायदा यह है कि नृत्य से आपका व्यायाम हो जाता है और आप फिट रहते हैं तथा रक्त संचार में वृद्धि होती है। एक हफ्ते में कम से कम तीन बार नृत्य करने से आप बिलकुल फिट रहेंगे।
3. ध्यान आकर्षित करना
नृत्य द्वारा आप दूसरों का ध्यान अपनी ओर आकर्षित कर सकते हैं। नृत्य कला से आप अनेक लोगों के बीच अपनी प्रमुखता का एहसास करा सकते हैं और सबके बीच अपनी खास पहचान बना सकते हैं।
4. एकाग्रता बढ़ाना
नृत्य करने से आपकी एकाग्रता बढ़ती है तथा आप अनुशासित व्यक्ति बन जाते हैं। इसके साथ-साथ बार-बार नृत्य का अभ्यास करने से आत्मविश्वास भी बढ़ता है।
5. तीव्र स्मरण शक्ति
कई लोगों का यह मानना है कि नृत्य से व्यक्ति की स्मरण शक्ति तीव्र होती है। नृत्य करने से आपका रक्त संचार बढ़ता है जिससे आपके शरीर के साथ-साथ आपके दिमाग पर भी असर होता है और स्मरण शक्ति बढ़ती है।
हम जानते हैं कि कहना आसान होता है लेकिन करना मुश्किल, लेकिन आप कभी खुद आजमाइये कि जब आप थोड़े उदास हों, अपना मन बदलने के लिए नृत्य करके देखिए। आप पाएंगे कि आपका मन फौरन ही बदल जाएगा। नृत्य एक ऐसी कला है जिसे कुछ लोग केवल अपने मनोरंजन के लिए करते हैं क्योंकि वे इसके फायदे नहीं जानते लेकिन यदि वास्तव में देखा जाए तो नृत्य केवल मनोरंजन का साधन ही नहीं है अपितु इसमें तो वह गहराई है जिससे सब आकर्षित होते हैं। इसलिए हमें भी इसे मात्रा मनोरंजन न समझते हुए इसकी गहराई को समझकर ही इसे अपनाना चाहिए। सपना जैन(स्वास्थ्य दर्पण)