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सर्दी के मौसम में भाप लेना कितना फायदेमंद?

विशेषज्ञों के अनुसार भाप लेने से, सर्दी के मौसम में थोड़े समय के लिए बंद नाक, साइनस में दबाव, गले के सूखेपन और हल्की सांस लेने की समस्याओं में काफी राहत मिल सकती है।

सर्दी का मौसम अपने साथ सर्दी-जुकाम, खांसी और छींकों की समस्या भी लाता है। भारतीय घरों में इन तकलीफों से राहत पाने के लिए हमेशा से एक देसी नुस्खा प्रचलित रहा है, वो है भाप लेना यानी स्टीम इनहेलेशन। जब भी किसी को सर्दी होती है, तो बड़े बुजुर्ग उन्हें तुरंत एक कटोरी गर्म पानी के साथ सिर को तौलिया से ढककर दस मिनट तक बैठने की सलाह देते हैं । जानते हैं कि सर्दियों के मौसम में भाप लेना कितना सही है।

सर्दी के मौसम में भाप लेना ​कितना फायदेमंद है?

विशेषज्ञों के अनुसार भाप लेने से, सर्दी के मौसम में थोड़े समय के लिए बंद नाक, साइनस में दबाव, गले के सूखेपन और हल्की सांस लेने की समस्याओं में काफी राहत मिल सकती है। विशेषज्ञ बताते हैं कि, नम हवा नाक के मार्ग को नमी देती है और जलन को कम करती है। कई लोग इससे आराम और शांति महसूस करते हैं। हालांकि, यह याद रखना जरूरी है कि भाप को हमेशा मेडिकल ट्रीटमेंट के सप्लीमेंट के रूप में इस्तेमाल करना चाहिए, न कि उसके विकल्प के रूप में। इसका असर केवल थोड़े समय तक ही रहता है, इसलिए भाप लेने के बाद संक्रमण या एलर्जी के लक्षण वापस आ सकते हैं।

कितनी दूरी से भाप लें

भाप लेते समय अपनी त्वचा को गर्म भाप से होने वाले नुकसान से बचाना बहुत जरूरी है। अपने चेहरे को भाप के सोर्स यानी बर्तन से 25 से 30 सेंटीमीटर दूर रखें। इसके अलावा, भाप लेने का समय 5 से 10 मिनट तक ही सीमित रखें, क्योंकि लंबे समय तक गर्म भाप के संपर्क में रहने से त्वचा की प्राकृतिक नमी कम हो सकती है। नमी को बनाए रखने और जलन को कम करने के लिए, भाप लेने से पहले और बाद में एक जेंटल और बिना सुगंध वाला मॉइस्चराइजर लगाना फायदेमंद होता है।

भाप लेते हुए न करें ये गलतियां

एक्सपर्ट्स यह भी चेतावनी देते हैं कि उबलते पानी से सीधे भाप लेने से बचना चाहिए, क्योंकि इससे अचानक निकली तेज भाप त्वचा को जला सकती है। मुंहासे, रोसैसिया या एक्जिमा जैसी त्वचा की समस्याओं से जूझ रहे लोगों को भाप का इस्तेमाल बहुत कम करना चाहिए, क्योंकि गर्मी से लालिमा, चकत्ते और तेल का प्रोड्क्शन बढ़ सकता है।

क्या रोज भाप लेना सही है?

जब आप गर्म पानी की भाप लेते हैं, तो उसकी गर्म नमी आपके नाक और गले की सूजन को कम करती है। इससे सांस लेने में तुरंत राहत मिलती है। भाप लेने से साइनस कैविटी खुल जाती है, जिससे शरीर को अस्थायी तौर पर आराम महसूस होता है। यही कारण है कि सर्दी-जुकाम, फ्लू या एलर्जी के लक्षण दिखाई देने पर डॉक्टर भी कभी-कभी भाप लेने की सलाह देते हैं।

विशेषज्ञों के अनुसार, भाप लेना तब तक सुरक्षित है जब तक यह सीमित मात्रा में किया जाए। रोजाना दिन में दो या तीन बार भाप लेना आवश्यक नहीं है। इसे केवल तभी करना चाहिए जब इसकी जरूरत हो। डॉक्टर चेतावनी देते हैं कि जरूरत से ज्यादा भाप लेने से नाक की प्राकृतिक नमी खत्म हो सकती है और म्यूकस मेम्ब्रेन को नुकसान पहुंच सकता है।

इन बातों का भी रखें ध्यान

●दुर्घटनाओं से बचने के लिए, भाप लेते समय स्थिर और सुरक्षित स्थिति में बैठें और गर्म पानी को बहुत सावधानी से संभालें।

●भाप लेने के लिए हमेशा सादे पानी का ही प्रयोग करें। एसेंशियल ऑयल मिलाने से वायुमार्ग में जलन हो सकती है, खासकर उन लोगों में जिन्हें एलर्जी या दमा की समस्या है।

●भाप के सोर्स के बहुत ज्यादा करीब जाने से बचें।

●बच्चों या वृद्ध लोगों के लिए, गर्म पानी से स्नान करना या ह्यूमिडिफायर का उपयोग करना भाप लेने की तुलना में अधिक सुरक्षित विकल्प हैं।

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