मिर्गी एक क्रोनिक न्यूरोलॉजिकल विकार है, जिसके कारण बार-बार दौरे पड़ते हैं। सबसे पहले आपको यह समझना होगा कि हमारा दिमाग कार्य कैसे करता है। हमारा दिमाग जब सही से कार्य करता है, तो इसके कारण हमारे दिमाग में कुछ बिजली की तरह संकेत जाते हैं। जब इन्हीं संकेत में कुछ गड़बड़ी आती है, तो इसके कारण सामान्य मस्तिष्क कार्य के में दिक्कत आती है। मिर्गी की स्थिति में पीड़ित लोगों को कई बार अलग-अलग प्रकार के दौरे पड़ते हैं। यहां एक बात समझनी पडे़गी कि ऐसा जरूरी नहीं है कि एक व्यक्ति को पड़ने वाले दौरे मिर्गी के दौरे के ही हों। दौरे के पीछे कई कारण हो सकते हैं जैसे कि - तेज बुखार, चोट या फिर अन्य कोई गंभीर संक्रमण। इसलिए इस स्थिति के लक्षणों को समझना बहुत ज्यादा आवश्यक है।
मिर्गी क्यों आती है?
मिर्गी का कोई एक कारण नहीं है। हर व्यक्ति को अलग-अलग कारणों से मिर्गी की समस्या परेशान करती है। यदि कारण की पहचान हो जाए, तो इसकी मदद से आप मिर्गी का इलाज ढूंढ सकते हैं -
जेनेटिक कारक
मिर्गी की समस्या कुछ लोगों के परिवार में चलता है। यदि मिर्गी की समस्या की फैमिली मेडिकल हिस्ट्री है, तो इस बात की अधिक संभावना है कि आप भी इस रोग के चपेट में आ सकती हैं।
दिमाग की चोट
सिर में किसी भी प्रकार की चोट या दुर्घटना के कारण लगने वाली चोट से दिमाग पर अच्छा खासा नुकसान हो सकता है, जिससे मिर्गी की समस्या उत्पन्न हो सकती है।
स्ट्रोक या ब्रेन ट्यूमर
यदि किसी के दिमाग में रक्त प्रवाह में बाधा उत्पन्न हो सकती है या स्ट्रोक या ब्रेन ट्यूमर की स्थिति उत्पन्न हो सकती है, तो भी मिर्गी की शुरुआत हो सकती है।
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संक्रमण
दिमाग को प्रभावित करने वाले संक्रमण, जैसे कि मेनिन्जाइटिस या एन्सेफलाइटिस भी मिर्गी के कारण बन सकते हैं।
न्यूरो डेवलपमेंटल विकार
सेरेब्रल पाल्सी जैसी कुछ स्वास्थ्य स्थितियां होती हैं, वह भी मिर्गी के विकास की संभावनाओं को बढ़ा सकते हैं।
मिर्गी का क्या इलाज है?
मिर्गी के दौरे का इलाज करने के लिए कुछ विकल्प मौजूद हैं, जिससे व्यक्ति के जीवन की गुणवत्ता में सुधार होता है जैसे कि -
दवाएं: मिर्गी को रोकने वाली दवाएं इस स्थिति में सबसे ज्यादा उपयोगी होती हैं। यह दवाएं दिमाग में मौजूद दिमाग में आने वाले विद्युत सिग्नल स्थिर रहता है। इस दवा का सुझाव डॉक्टर ही देते हैं।
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सर्जरी
यदि किसी भी कारणवश दवाएं प्रभावी नहीं है, तो सर्जरी इस स्थिति में एक अच्छा विकल्प साबित हो सकती है। इसमें सर्जरी की मदद से प्रभावित क्षेत्र को दिमाग से निकाल दिया जाता है।
वेगस नर्व सिमुलेशन (VNS)
इस इलाज के विकल्प में एक मशीन का उपयोग होता है, जो वेगस नर्वस के माध्यम से दिमाग विद्युत सिग्नल को भेजा जाता है। इससे स्थिति को सामान्य करने में मदद मिलती है।
कीटोजेनिक आहार
विशेष रूप से मिर्गी से पीड़ित बच्चों को उच्च वसा, कम कार्बोहाइड्रेट वाले कीटोजेनिक आहार को दिया जाता है, जिससे मिर्गी की समस्या धीरे-धीरे कम होती है। इस आहार की मदद से मेटाबॉलिज्म का रूप ले कर दौरे को नियंत्रित करने में मदद कर सकता है।
रिस्पॉन्सिव न्यूरोस्टिम्यूलेशन (RNS)
इस विकल्प के दौरान दिमाग में एक मशीन को लगाया जाता है, जो असामान्य मस्तिष्क गतिविधि का पता लगाता है और दौरे को रोकने के लिए विद्युत सिग्नल को वहां पर दिमाग तक भेजता है।
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