कोलकाता : वैदिक पंचांग के अनुसार, जब ग्रहों के राजा सूर्य मीन या फिर धनु राशि में प्रवेश करते हैं, तो खरमास आरंभ होते हैं। ऐसे में साल में दो बार खरमास लगते है। बता दें कि 14 मार्च 2024 को 12 बजकर 23 मिनट पर सूर्य मीन राशि में प्रवेश कर जाएंगे। ऐसे में मीन संक्रांति के साथ-साथ खरमास भी आरंभ हो जाएंगे। जब सूर्य मेष राशि में प्रवेश कर जाएंगे, तो खरमास समाप्त हो जाएगा। इसे मलमास भी कहा जाता है। हिंदू शास्त्रों के अनुसार, खरमास के दौरान किसी भी तरह के मांगलिक कामों को करने की मनाही होती है। आइए जानते हैं खरमास कब से कब तक है। इसके साथ ही जानें पूरे एक माह क्या करें और क्या नहीं।
कब से कब तक खरमास 2024?
वैदिक शास्त्र के अनुसार, ग्रहों के राजा सूर्य 14 मार्च को मीन राशि में प्रवेश कर रहे हैं। इसके साथ ही खरमास आरंभ हो जाएंगे। इसके बाद 13 अप्रैल को मेष राशि में प्रवेश कर जाएंगे और खरमास समाप्त हो जाएंगे।
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खरमास में नहीं होंगे मांगलिक कार्य
ज्योतिषों के अनुसार, जब सूर्य गुरु की राशि यानी मीन या फ धनु राशि में प्रवेश करते हैं। ऐसे में गुरु काफी कमजोर हो जाता है। ऐसे में किसी भी तरह के शुभ कार्यों को करने क मनाही होती है, क्योंकि गुरु का शुभ प्रभाव नहीं पड़ता है।
खरमास के दौरान शादी-विवाह जैसे मांगलिक कामों को करने की मनाही होती है। इस दौरान गृह प्रवेश, मुंडन, छेदन सहित अन्य 16 संस्कारों को करने की मनाही होती है। इसके अलावा नया बिजनेस, नया कार्य, नई दुकान आदि खोलने की मनाही होती है।
खरमास के दौरान न करें ये काम
खरमास के दौरान शादी-विवाह या फिर उससे संबंधित कोई भी काम जैसे सगाई, तिलक, बेटी की विदाई आदि करने की मनाही होती है। माना जाता है कि खरमास के दौरान ऐसा करने से वैवाहिक जीवन में समस्याएं उत्पन्न होती है।
खरमास के दौरान गृह प्रवेश नहीं किया जाता है। इससे घर में दोष लगता है।
मलमास के दौरान नए व्यापार का आरंभ नहीं किया जाना चाहिए। क्योंकि ऐसा करने से नए कार्य में कोई न कोई मुश्किल उत्पन्न होती है और सफलता भी हासिल नहीं होती है।
खरमास के दौरान मुंडन, छेदन, जनेऊ जैसे 16 संस्कारों को करने की मनाही होती है।
खरमास के दौरान करें ये काम
खरमास के दौरान रोजाना सूर्य देव को अर्घ्य करना चाहिए। इसके लिए तांबे के लोटे में जल, सिंदूर, लाल फूल और अक्षत डाल लें।
मलमास के दौरान जप, तप और दान करने का विशेष महत्व है। इन कामों को करने से हर तरह के दोषों से मुक्ति मिल सकती है।
खरमास के एक माह के दौरान गंगा या अन्य पवित्र नदी में स्नान जरूर करें। इससे पुण्य की प्राप्ति होती है।
खरमास के दौरान गाय, ब्राह्मण आदि की सेवा सत्कार जरूर करना चाहिए।
खरमास में पूरे एक माह में एक बार जरूर किसी न किसी तीर्थ स्थल में जाना चाहिए।
खरमास में करें इन मंत्रों का जाप
ॐ सूर्याय नम:
ॐ घृणि सूर्याय नम:
ॐ ह्रीं ह्रीं सूर्याय सहस्रकिरणराय मनोवांछित फलम् देहि देहि स्वाहा
ॐ ऐहि सूर्य सहस्त्रांशों तेजो राशे जगत्पते, अनुकंपयेमां भक्त्या, गृहाणार्घय दिवाकर:
ॐ ह्रीं घृणिः सूर्य आदित्यः क्लीं ॐ